स्टॉफ नर्स को लौटाने पड़े रिश्वत के 3500 रू.

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भ्रष्टाचार की दलदल में डूबा अबोहर का सरकारी अस्पताल

  • मामले की जांच के लिए अस्पताल पहुंचे सिविल सर्जन
  • नर्स स्टॉफ ने चार हजार रूपए की रखी थी मांग

अबोहर (सुधीर/नरेश)। एक ओर जहां सरकार द्वारा गर्भवती महिलाआें को पहले गर्भ के दौरान 6 हजार रूपए सहायता राशि देने की योजना शुरू की जा रही हैं, वहीं स्थानीय सिविल अस्पताल में प्रसव केस के बदले हजारों रूपए लेने का एक ओर मामला सामने आया है।

कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों की वजह से भ्रष्टाचार की दलदल बन चुके सिविल अस्पताल के इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज तक कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। सोमवार को सिविल प्रशासन को उस वक्त शर्मसार होना पड़ा जब मरीज से लिए गए रूपए भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा उसको वापिस देने पड़े।

सीजेरियन के नाम पर वसूले पैसे: जानकारी के अनुसार नई आबादी बड़ी पौड़ी निवासी विनोद कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी मंजू रानी को प्रसव के लिए 13 जुलाई को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिस पर डाक्टरों ने उसकी पत्नी को सिजेरीयन की सलाह दी गई। सरकारी अस्पताल में निशुल्क सीजेरियन केस करने की सुविधा को देखते हुए उन्होंंने अस्पताल में ही सिजेरीयन करवाने का मन बना लिया।

3500 रूपए में सौदा तय: आरोपानुसार सिजेरीयन आप्रेशन से पहले अस्पताल के स्टाफ ने उसने 4 हजार रूपए देने की मांग रखी, लेकिन किसी न किसी प्रकार से उसने उक्त स्टाफ को 3500 रूपए देने पर राजी कर लिया।

सिजेरीयन होने के बाद स्टाफ नर्स ने उससे 3500 रूपए ले लिए। सिजेरीयन वार्ड में भर्ती कुछ मरीजों से अस्पताल स्टाफ द्वारा रूपए वसूलने का पता चलने पर जब कुछ पत्रकार मरीजों से बातचीत करने पहुंचें तो विनोद कुमार ने रूपए स्टाफ को दिए जाने की बात कबूली।

नर्स ने तुरंत लौटा दिए पैसे

पत्रकारों द्वारा विनोद कुमार से की गई बातचीत की वीडियोग्राफी भी की गई। इस बात का पता चलने पर उक्त स्टाफ नर्स के हाथ पांव फूल गए और उक्त स्टाफ नर्स ने विनोद कुमार से लिए गए 3500 रूपए उसको लौटा दिए। जिससे मरीज में बेटी के जन्म के साथ साथ रूपए वापिस मिलने पर भारी खुशी पाई गई। हालांकि सिविल अस्पताल के डाकटरों द्वारा आए दिन अस्पताल में निशुल्क प्रसव केस किए जाने के दावे किए जाते हंै इसके बावजूद भी अस्पताल में प्रसव केसों पर रूपए लेकर भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है।

सिविल सर्जन आज करेंगे अस्पताल का दौरा

सिविल सर्जन से बात करने पर उन्होंनें इस मामले में आर्श्चय व्यक्त करते हुए कहा कि वे मंगलवार सुबह अस्पताल में पहुंचकर इस घटनाक्रम की जांच करेंगें। उन्होने कहा कि यदि रूपए लिए जाने की बात की पुष्टि हुई तो इस मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

करवाएंगे जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई

एसडीएम पूनम सिंह ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की पूरी जांच करवाएंगी और दोषी लोगों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। सरकार की स्कीमों का दुरूपयोग नहीं होने दिया जाएगा। सरकारी अस्पताल में प्रसूताआें के लिए हर प्रकार का ईलाज निशुल्क किया जाता है अगर इसके बावजूद भी लोग डाकटरों या स्टाफ को रूपए देते हैं तो वे इसके लिए खुद जिम्मेवार हंै।

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