Assembly Election 2023: चुनावों में बढ़ रहे अपराध, किया जा रहा है नजरअंदाज

Assembly Election 2023
चुनावों में बढ़ रहे अपराध, किया जा रहा है नजरअंदाज

Assembly Election 2023: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। राजनीतिक दलों ने हर स्तर पर प्रयास करने शुरु कर दिए हैं, वायदों में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। तार्किक वादों के साथ-साथ रेवड़ी बांटने का भी चलन जारी है। इस प्रवृत्ति में समाज में बढ़ते अपराधों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। समाज में प्रत्येक व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। लगभग हर राज्य में हत्या, लूट, डकैती की घटनाएं घटित हो रही हैं। ऐसी घटनाओं की राजनीतिक स्तर पर कोई चर्चा ही नहीं हो रही। Assembly Election 2023

पार्टियां एक-दूसरे पर घोटाले के आरोप लगाने तक ही सीमित रह गई हैं। विपक्षी दल सरकारों को घेरने के लिए भ्रष्टाचार का मुद्दा जरूर उठाते हैं, लेकिन ये आरोप भी व्यक्ति विशेष पर आरोप बनकर रह जाते हैं। जिस तरह से अपराधियों द्वारा आम जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसकी कहीं भी कोई चर्चा नहीं हो रही। आढ़ती से पैसे लेकर जाने वाले किसान को भरोसा नहीं है कि वह सुरक्षित घर पहुंच पाएगा। व्यापारियों की हत्याएं हो रही हैं, गायकों को धमकियां मिल रही हैं। दिनदहाड़े लुटेरे बाजारों में आते हैं और हमला करके लूटपाट कर लेते हैं।

शहरों में कई-कई पुलिस स्टेशन और पुलिस चौकियां हैं, पुलिस स्टेशनों में कैमरे लगे होने के बावजूद लुटेरे भागने में सफल हो रहे हैं। हां, यह सच है कि यदि किसी मंत्री या विधायक की भैंस भी आधी रात को भी चोरी हो जाती है तो फिर पुलिस सूरज निकलने से पहले ही रातों-रात में सब कुछ बरामद कर लेती है। बड़े शहरों में पुलिस दूसरे या तीसरे दिन 25 करोड़ के हीरे ढूंढने में सफल हो जाती है, भले ही चोर हजारों किमी दूर किसी राज्य के जंगल में ही क्यों न छिपा हो। दूसरी तरफ आम जनता को लूटने वाला उसी शहर में रहता हुआ भी नहीं पकड़ा जाता।

निस्संदेह, वर्तमान समय में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के साथ-साथ अपराधों के सामाजिक पहलुओं पर भी विचार कर अपराधियों को समाज की मुख्य धारा में वापिस लाने के प्रयास किये जाने चाहिए। नशा, बेरोजगारी, फिल्मों और धारावाहिकों में अपराध के तरीकों का चित्रण इत्यादि ऐसे कई कारण हैं जो अपराधों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन कारणों पर चर्चा की जरूरत है। राजनीतिक दलों को कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी आगे आना चाहिए। सुरक्षा के बिना विकास अधूरा है। Assembly Election 2023

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