Commonwealth खेलों से बाहर हुई कुश्ती, शूटिंग खेल शामिल 

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  • राष्ट्रमंडल खेल महासंघ से दोबारा शामिल करने की अपील

  • खिलाड़ियों में नाराजगी, सरकार हस्तक्षेप कर सख्ती से कानूनी लड़ाई लड़े

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। वर्ष 2026 में आॅस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में होने वाले कॉमनवेल्थ (commonwealth) खेलों में निशानेबाजों की वापसी होगी तो वहीं कुश्ती और तीरंदाजी को इस आयोजन से बाहर रखा गया है। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और राष्ट्रमंडल खेल आॅस्ट्रेलिया ने संयुक्त रूप से 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खेलों की सूची की घोषणा कर दी है। इसमें 20 से 26 खेल शामिल हैं। खेल नगरी के नाम से विख्यात भिवानी के खिलाड़ियों ने कुश्ती को राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुश्ती के राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर होने पर उनके जीवन भर की मेहनत व्यर्थ हो जाएगी, इसीलिए कुश्ती को कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल किया जाना चाहिए।

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राष्ट्रमडल खेल महासंघ को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की

बता दें कि कुछ माह पहले वर्ष 2026 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलों की शुरूआती सूची की घोषणा की गई थी और इसमें निशानेबाजी, कुश्ती और तीरंदाजी को शामिल नहीं किया गया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संगठन ने राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इन तीनों खेलों का बहिष्कार चौंकाने वाला था, तब शूटिंग को अंतिम सूची में शामिल किया गया।

भारत ने इस बार जीते थे 12 पदक

कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती का बाहर होना भारत के पहलवानों के लिए बहुत बड़ा झटका है। इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पुरुष और महिला पहलवानों का दबदबा रहा। उन्होंने सभी 12 भार वर्गों में पदक जीते। वर्ष 2010 के बाद से लगातार इन खेलों में कुश्ती शामिल है, लेकिन आॅस्ट्रेलिया में कुश्ती लोकप्रिय खेल नहीं है तथा कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलों का चयन मेजबान देश द्वारा ही किया जाता है।

तीरंदाजी केवल दो बार राष्ट्रमंडल खेलों में खेली गई है

दूसरी तरफ तीरंदाजी केवल दो बार राष्ट्रमंडल खेलों में खेली गई है। भारत इस खेलों की पदक तालिका में दूसरे स्थान पर है। इसलिए वर्ष 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी को शामिल न करने का असर भारत पर भी पड़ेगा। वही कुश्ती को राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर करने से भिवानी के कुश्ती खिलाड़ी काफी नाराज है।

सरकार को सख्ती से लड़ाई लड़नी चाहिए

खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार को इसके लिए सख्ती से लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुश्ती के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, जिससे शरीर तंदुरुस्त भी रहता है। खिलाड़ियों ने कहा कि इसके जरिए आर्मी, पुलिस जैसी भर्ती खिलाड़ी देख सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मैडल देने वाला ये गेम इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं है, जो कि खिलाड़ियों व देश के साथ अन्याय है।

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