सीबीआई अदालत सुनायेगी बाबरी विध्वंस मामले का फैसला

Inner Line Permit, Babri Demolition Case

लखनऊ। अयोध्या में बाबरी विध्वंस के करीब 28 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनायेगी। वर्ष 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंबरा,विनय कटियार,राम विलास वेंदाती के अलावा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास समेत सभी 32 आरोपियों के बयान 31 अगस्त तक दर्ज किये जा चुके हैं। सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुये साजिश के तहत फंसाने की दलील दी है।

विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव इस मामले में फैसला सुनायेंगे। फैसले से पहले मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता उमाभारती और पूर्व सांसद डा रामविलास दास वेदांती ने कहा है कि अदालत अगर उम्रकैद या फांसी की सजा देती है तो उन्हें सहर्ष मंजूर होगी। अदालत ने फैसले के समय सभी आरोपियों को उपस्थित रहने को कहा है हालांकि कोरोना संक्रमण से जूझ रही उमा भारती इस मामले में सीबीआई अदालत के फैसले के समय मौजूद नहीं होंगी। उन्होने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिख कर कहा है “30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत मे मुझे फैसला सुनने के लिए पेश होना है। मैं कानून को वेद, अदालत को मंदिर और जज को भगवान मानती हूं, इसलिए अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा।”

उन्होंने लिखा “ मैं नहीं जानती फैसला क्या होगा मगर मैं जमानत नहीं लूंगी। जमानत लेने से आंदोलन मे भागीदारी की गरिमा कलंकित होगी. ऐसे हालातों में आप नई टीम में रख पाते हैं कि नहीं इस पर विचार कर लीजिए। यह मैं आपके विवेक पर छोड़ती हूं। मैं हमेशा कहती आयी हूं कि अयोध्या के लिए मुझे फांसी भी मंजूर है।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।