Haryana News: स्मारक पर जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को बना दिया स्वर्गीय

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Haryana News: स्मारक पर जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को बना दिया स्वर्गीय

फतेहाबाद (सच कहूँ न्यूज)। Haryana News: फतेहाबाद के साथ लगते गांव हिजरावां कलां में गांव के इकलौते जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को मृत घोषित कर दिया गया है। अब 100 साल से भी ज्यादा उम्र के स्वतंत्रता सेनानी नादर सिंह अपने आप को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं और परिवार वाले परेशान हो चुके हैं। यहां तक कि शोक जताने के लिए लोग भी उनके घर आने लगे हैं। बाद में नादर सिंह के जिंदा होने की बात सुनकर लोगों को शर्मिंदा होना पड़ता है। वहीं नादर सिंह के बेटे ने इसे अपने पिता का अपमान करार दिया है। अब जाकर पत्थर पर लिखे उनके नाम के आगे से स्वर्गीय शब्द को धुंधला किया गया है। वहीं सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि यह स्मारक पंचायत द्वारा नहीं लगाए गए बल्कि किसी प्रशासनिक विभाग ने लगवाए थे। Haryana News

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Haryana News: स्मारक पर जिंदा स्वतंत्रता सेनानी को बना दिया स्वर्गीय

गांव में स्वतंत्रता दिवस पर गांव में एक स्मारक स्थापित किया गया था। जहां पर लगाए गए पत्थर पर स्वतंत्रता सेनानी नादर सिंह के नाम के आगे स्वर्गीय लिख दिया गया। बकौल नादर सिंह वे 100 वर्ष से भी ज्यादा उम्र के हैं और सही सलामत हैं। स्मारक के पास अपने स्वतंत्रता सेनानी होने के सबूत लेकर खड़े नादर सिंह ने खुद चलकर दिखाया कि वह अभी जिंदा हैं। उनके बेटे पूर्व मैंबर जंगीर सिंह ने बताया कि पिता को स्वर्गीय लिख देने से उन्हें अब पेंशन व अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा, जिसको लेकर वे जगह-जगह पत्र भेजते फिर रहे हैं। उन्होंने सैनिक बोर्ड को भी इनके जिंदा होने बारे सूचित किया है और जिला प्रशासन को भी बता दिया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत को भी कई दफा कह दिया है। और तो और लोग स्मारक पर स्वर्गीय पढ़कर उनके घर शोक जताने आ जाते हैं, जिससे न केवल उनके जिंदा पिता को लेकर उन्हें ठेस पहुंचती है बल्कि शोक जताने आने वाले लोगों को भी शर्मिन्दगी महसूस होती है। Haryana News

उन्होंने बताया कि उनके पिता का अपमान किया गया है। वहीं जब इस बारे में सरपंच प्रतिनिधि करण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में यह स्मारक पंचायत द्वारा नहीं बल्कि प्रशासनिक स्कीम के तहत लगवाया गया था। उनसे स्वतंत्रता सेनानी बारे पूछा गया तो उन्होंने नाम बता दिया था, लेकिन जब बोर्ड बनकर आया तो वहां स्वर्गीय लिखा आया, जो बाद में नादर सिंह के परिवार द्वारा ध्यान दिलाया गया तो स्वर्गीय शब्द को हटवा दिया गया।