जिस मरीज को दी गई थी पत्थर की आँख लगाने की सलाह, डेरे के अस्पताल में मिली उसे नेत्र ज्योति

  • अँधेरी जिंदगियों को उजाला दे रहा ‘शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल’
  • डॉ. मोनिका गर्ग ने सफलतापूर्वक पुतली बदलकर लौटाई नेत्र ज्योति
  • हर रोज 8 से 10 मरीजों की आँखों के हो रहे सफल आॅपरेशन
  • अब तक हजारों लोगों के जीवन में भरे खुशियों के रंग

सच कहूँ/सुनील बजाज
सरसा। रुहानी प्रेरणा व दृढ़ विश्वास के साथ मनुष्य हर मंजिल फतेह कर सकता है। अंधेरी ज़िंदगियों में रोशनी के रंग भरकर ऐसा ही कर रहे हैं Shah Satnam Ji Specialty Hospital, सरसा के डॉक्टर साहिबान। इसी क्रम में शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका गर्ग ने गाँव हाकूवाला, तहसील मलोट जिला श्रीमुक्तसर साहिब निवासी मनजीत सिंह पुत्र दीवान सिंह (60 वर्षीय) की आँखों की ज्योति लौटाकर उसके जीवन को खुशियों से भर दिया। दरअसल कई माह पूर्व इस मरीज की बार्इं आँख की रोशनी चली गई थी।

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मनजीत सिंह ने पंजाब और हरियाणा के कई नामी अस्पतालों से अपनी आँख का ईलाज करवाया, परंतु उसे कहीं से रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ा। डबवाली, श्रीमुक्तसर साहिब, बठिंडा के अलावा कई बड़े-बड़े अस्पतालों में उसने आँख की जांच करवाई तो सभी जगह से उसे आँख निकलवाने के लिए कहा। डॉक्टर्स ने उसे पत्थर की आँख लगवाने तक की सलाह दे डाली थी। मनजीत सिंह अपनी बार्इं आँख का ईलाज करवाकर थक चुका था। तब एक दिन उन्होंने अपने बेटे भूपिन्द्र सिंह को कहा कि मुझे शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल, सरसा में ले चल।

मनजीत सिंह ने अपनी भतीजी गाँव शाहपुर निवासी कर्मजीत कौर के द्वारा (Shah Satnam Ji Specialty Hospital) अस्पताल से सम्पर्क किया। उन्होंने अस्पताल में कार्यरत आॅप्टोमेट्रिस्ट संदीप कम्बोज से बात की तो उन्होंने मनजीत सिंह की आँख नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका को दिखाने का सुझाव दिया। मनजीत सिंह ने अगले दिन डॉ. मोनिका से आँखों की जांच करवाई, तो उन्होंने कहा कि परमात्मा पर भरोसा रखो, कोशिश करेंगे, आपकी आँख ठीक हो जाएगी और पुतली डलवाने का सुझाव दिया।

डॉक्टर्स की बात को मानते हुए मनजीत सिंह Shah Satnam Ji Specialty Hospital में दाखिल हो गया और अगले दिन आॅपरेशन द्वारा उनकी बार्इं आंख में पुतली डाल दी गई। इसके बाद मनजीत सिंह को 2-3 दिन के बाद छुट्टी दे दी गई और उन्हें आराम करने की सलाह दी गई। 20 दिन बाद जब मनजीत सिंह का परिवार उन्हें दोबारा डॉक्टर को दिखाने आया तो उनके और परिजनों के चेहरे पर चमक देखते ही बनती थी। अब मनजीत सिंह की आँख बिल्कुल ठीक हो गई और वह काम भी करने लगा है।

बातचीत के दौरान आॅप्टोमेट्रिस्ट संदीप कम्बोज ने बताया कि डॉ. मोनिका गर्ग एक दिन में करीब 8 से 10 पुतली सहित आंखों के अन्य आॅपरेशन करती हैं। हर रोज हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों से सैकड़ों आँखों के मरीज आते हैं। डॉ. गर्ग के नेतृत्व में अब तक आँखों के हजारों सफल आॅपरेशन हो चुके हैं। बता दें कि पूज्य परमपिता शाह सतनाम जी महाराज की पावन याद में 12 से 15 दिसम्बर तक ‘याद-ए-मुर्शिद कैंप’ शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल में हर वर्ष लगाया जाता है। उसमें भी फेको विधि के द्वारा आॅपरेशन किए जाते हैं। जिसमें टांके की भी जरुरत नहीं पड़ती।

डेरा सच्चा सौदा के अस्पताल से मुझे नई रोशनी मिली : मनजीत सिंह

पेशे से किसान मनजीत सिंह ने बताया कि मैंने डेरा सच्चा सौदा का नाम तो बहुत सुना था, परंतु यहां आया कभी नहीं था। मैं पहली बार शाह सतनाम जी स्पेशेलिटी अस्पताल में आँख का ईलाज करवाने आया। मेरी आँख अब बिल्कुल ठीक है। जिस आँख को कई डॉक्टर्स ने पत्थर की लगवाने के लिए कहा था। उसे डॉक्टर मोनिका गर्ग ने बिल्कुल ठीक कर दिया। मँ आँख की वजह से बेहद परेशान था और सारा दिन घर में चारपाई पर पड़ा रहता था। 20 दिन बाद दिखाने आया हूँ। मेरी आँख अब बिल्कुल ठीक है और अब मैं चलता-फिरता और काम भी करता हूँ।

ये सब पूज्य गुरु जी की रहमत का कमाल है : डॉ. मोनिका गर्ग

Shah Satnam Ji Specialty Hospital की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका गर्ग ने बताया कि ये पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम सिंह जी इन्सां की रहमत का कमाल है। उन्होंने कहा कि जो भी मरीज पुतली के लिए आते हैं, उनकी एक वेटिंग लिस्ट होती है।

लेकिन पूज्य गुरु जी की रहमत से यहां पुतलियां आती रहती है, इसलिए ज्यादा लंबी वेटिंग लिस्ट नहीं है। जैसे ही यह मरीज हॉस्पिटल में दिखाकर गया, उसके कुछ दिन बाद ही पुतली आ गई और मरीज को बुलकार आॅपरेशन कर दिया गया। डॉ. गर्ग ने आगे बताया कि उनकी आँख इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी, अगर आॅपरेशन न करवाते तो यह आंख निकालनी पड़ती। उन्होंने बताया कि डेरा श्रद्धालु पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए मरणोपरांत अपने नेत्रदान करते हैं। इसलिए हमारे Shah Satnam Ji Specialty Hospital में पुतली मिल जाती है।

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