रोडवेज कर्मचारियों ने तीन दिन और बढ़ाई हड़ताल

Roadways Employees Strike For Three Days

पुलिस संरक्षण में चली स्कूली बसें, विभाग ने स्कूल बसों का किया इस्तेमाल

रोहतक (सच कहूँ न्यूज)

प्रदेश सरकार की हठधर्मिता व रोडवेज कर्मचारियों के साथ किए गए समझौते से मुकरने के विरोध में रोडवेज तालमेल कमेटी ने शहर में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकाली और सहकारिता मंत्री कार्यालय के बाहर पुतला फूंका। साथ ही तालमेल कमेटी ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए तीन दिन और हडताल को जारी रखने का निर्णय लिया। कांग्रेस व इनेलो ने भी हडताली कर्मचारियों का समर्थन किया और सरकार से बिना देरी किए बातचीत करके कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने की मांग की। शुक्रवार को रोडवेज कर्मचारियों की हडताल चौथे दिन भी जारी रही। हडताल के चलते यात्रियों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं रोडवेज विभाग द्वारा स्कूली बसो का इस्तेमाल किया। डिपो महाप्रबंधक राहुल जैन ने बताया कि हडताल के चलते यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए 35 प्राइवेट स्कूल बसो का संचालन किया जा रहा है। साथ ही 65 बसे स्टेट क्रैरिज योजना के तहत चलाई जा रही है।

हुडा सिटी पार्क में धरने पर बैठे रोडवेज तालमेल कमेटी के सदस्यों ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके बाद कर्मचारी शहर में प्रदर्शन करते हुए मानसरोवर पार्क स्थित सहकारिता मंत्री आवास के बाहर पहुंचे और मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार विभाग को निगम बनाना चाहती है, जिससे कर्मचारी किसी कीमत पर सहन नहीं करेगे। जब तक सरकार 720 प्राइवेट परमिट देने के निर्णय को वापिस नहीं लेती तथा कर्मचारियों पर दर्ज सभी मुकदमों को बिना शर्त वापिस नहीं लेती है तब तक हडताल जारी रहेगी। रोडवेज कर्मचारी नेता युद्धवीर दांगी, दीपक बल्हारा, जयभगवान कादियान ने बताया कि कमेटी ने तीन दिन और हडताल जारी रखने का निर्णय ले लिया है। उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने कर्मचारियों के साथ वार्ता कर मांगों का समाधान नहीं किया तो हडताल अनिश्चितकाल की भी हो सकती है। कर्मचारी नेताओ ने आरोप लगाया कि सरकार रोडवेज विभाग में घाटा बताकर निगम बनाने का विचार कर रही है, जोकि कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा कि रोडवेज विभाग में 720 बसे हायर करने के फैसले के पीछे सरकार द्वारा अपने चहेतो को भारी मुनाफा कमाना है।

सरकार द्वारा 38 से लेकर 42 रूपये प्रति किलोमीटर पर बसे ठेके पर ली जा रही है, जबकि रोडवेज की बसो की आय औसतन 25 रूपये प्रति किलोमीटर है, जिससे रोडवेज विभाग को प्रति किलोमीटर 17 रूपये का घाटा होगा, जिसकी भरपाई जनता द्वारा दिए जा रहे टैक्स के पैसे से होगी। साथ ही प्रति बस पर पांच सरकारी रोजगार कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी आज भी बातचीत के लिए तैयार, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।

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