रोडवेज में अवैध रूप से ढोये जा रहे हैं पार्सल

  • चालक लगा रहे हैं चूना

ShriGangaNagar, Ajay RajPurohit: 
एक जगह से दूसरी जगह कुछ भी पहुंचाना है तो रोडवेज बसों चालकों द्वारा एक विशेष सेवा दी जा रही है। एक डिब्बे या लिफाफे में कुछ भी पैक कीजिए और यहां तक रोडवेज की बसों का संचालन है करीबन-करीबन हर जगह पर पार्सल पहुंचा दिया जाएगा।
ठोस बात यह है कि पार्सल लेने वाला ड्राइवर या कंडक्टर कभी नहीं पूछताछ करेगा की पार्सल के अंदर किस वस्तु को पैक किया गया। विभिन्न रूट पर चलने वाले करीबन सभी बसों में इसी तरह के कारनामे को राजस्थान रोडवेज की बसों के ड्राइवर कंडक्टर अंजाम दे रहे हैं। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय बस स्टैंड पर दिन भर अलग-अलग रूट की बसों की आवाजाही लगी रहती है। वहीं इन बसों में सवारियों के साथ-साथ अवैध रूप पार्सल भी यहां वहां धड़ल्ले से पहुंचाएं जा रहे हैं। श्रीगंगानगर बस स्टैंड से रोजाना करीबन 119 बसों का संचालन हो रहा है और ज्यादातर बसों में अवैध पार्सल भी ढोए जा रहे हैं। यह सब जितना आसान लग रहा है उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है। हालांकि रोडवेज की बसों से पार्सल कैरिज बाकयदा ठेके पर दी हुई है, लेकिन बस ड्राइवर और कंडक्टर बिना किसी रसीद के सीधा ही अपने पास पार्सल रख लेते हैं और बदले में सेवा पानी वसूल कर जेब में डाल देते हैं। हालांकि ऐसा करने वाले कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन जब पूरे कुएं में ही भांग घुली हो तो कार्रवाई की उम्मीद बेमानी है। बस ड्राइवर बिना किसी हिचकिचाहट के पार्सल लेकर अपने कैबिन में रख देता है और पार्सल देने वालों से मोल भाव के बाद यह राशि वसूल कर जेब में डाल देता है। हालात यह है कि बस अभी स्टैण्ड में भी नहीं पहुंचती है कि उससे पहले पार्सल पहुंचाने वालों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

बस स्टॉफ द्वारा अवैध रूप से पार्सल कैरिज की हमें अकसर शिकायत मिलती रहती है और ऐसे कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। हम रिपोर्ट बनाकर महाप्रबंधक को भिजवा देते हैं। इस तरह के मामलों में सम्बंधित कर्मी को नोटिस देने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई का प्रावधान है।
-किरण, बस यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर।

सेवानिवृत चालक ने माना लालचवश करते हैं ऐसा
बस स्टैण्ड परिसर में मिले एक सेवानिवृत चालक ने भी माना कि ड्राइवर कंडक्टर लालचवश ऐसा कर रहे हैं। चंद रुपयों के लालच में बिना किसी जानकारी के पार्सल इधर से उधर पहुंचाए जा रहे हैं।

पार्सल सेवा संचालक बैठे ठाले
इस बीच हम लोग बस स्टैण्ड परिसर में बने पार्सल केंद्र गए वहां के संचालक मदनलला सुस्ता रहे थे। मदनलाल से जब बात की तो उन्होंने अपनी पड़ा बयान करते हुए बताया कि उनका काम लगभग ठप्प सा हो गया है। बस ड्राइवर और कंडक्टर अपनी जेब भरने के चक्कर में सीधा ही पार्सल ले रहे हैं। यही वजह है कि उनके पास दिन भर में कोई इक्का दुक्का लोग ही आते हैं। हालांकि रोडवेज ने पार्सल कैरिज का काम ठेके पर दिया है, लेकिन अब यही ठेका हर बार कम राशिपर छूट रहा है। वजह यही है कि ज्यादातर पार्सल सीधे ही पहुंचाए जा रहे हैं।

सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक
ड्राइवर कंडक्टर भले ही अपनी जेबें भरने के लिए इस तरह की कारगजारी को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन उनका लालच सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा पैदा कर सकता है। श्रीगंगानगर जिला सरहद से सटा होने की वजह से कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहता है। इस बीच बस स्टॉफ बिना किसी जान पहचान और पूछताछ के जिस तरह से अवैध रूपसे पार्सल ढो रहे हैं उसे सुरक्षा के लिहाज से जरा भी सही नहीं ठहराया जा सकता।