बुनियादी सुविधाआें को तरस रहा भंटिडा ट्रांसपोर्ट नगर

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भटिंडा(अशोक वर्मा)। बठिंडा के ट्रक आॅपरेटरों का सवाल है कि ट्रक यूनियन की जगह खाली होने के बाद वह कहां जाएं। 18 वर्ष बाद भी इम्परूवमैंट ट्रस्ट ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बसा सका है। इन ट्रक आॅपरेटरों का प्रतिक्रिया है कि ट्रक यूनियनें भंग करने के बाद वह तो पहले ही परेशानियों में से गुजर रहे हैं, ऊपर यूनियन के पास जगह ही नहीं होगी तो कोई व्यापारी कहां आऐगा कुछ ट्रक चालकों ने कहा कि दो मंत्रियों द्वारा रखे नींव पत्थरों के बावजूद ट्रांसपोर्ट नगर को भाग नहीं खुल सके हैं।

गौरतलब है कि वर्ष 2000 में इम्परूवमैंट ट्रस्ट ने ट्रांसपोर्ट नगर व डायरी नगर के लिए सौ एकड़ जमीन एक्वायर की थी इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहर में से ट्रकों की यातायात को पड़ाव अनुसार कम करना व अंत में समूह ट्रांसपोर्ट कंपनियों व ट्रक यूनियन को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट करना था।

उस समय की अकाली -भाजपा सरकार में स्थानीय सरकारों संबंधी मंत्री बलराम दास टंडन ने इन प्रोजेक्टों की नींव रखा थी परंतु उस वक्त काम शुरू न किया जा सका अकाली सरकार का कार्यकाल खत्म होने उपरांत पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार सत्ता में आ गई एक बार फिर 6 मार्च 2003 को इसी प्रोजैक्ट का नींव पत्थर स्थानीय सरकारें विभाग के समकालीन मंत्री चौधरी जगजीत सिंह ने रखा तब लोगों में उम्मीद जागी थी कि यह प्रोजैक्ट पूरा किया जाएगा परंतु दूसरी बार रखा नींव पत्थर भी करीब आठ वर्ष पत्थर ही बना रहा। काफी प्रयासों के बाद इम्परूवमैंट ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2011 में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य शुुरु किया गया।

सूत्रों मुताबिक वर्ष 2012 में कुछ इमारतें बन गई परंतु ट्रांसपोर्ट नगर मुकम्मल न हुआ जिला प्रशासन ने दबाव डाल कर अधूरे ट्रांसपोर्ट नगर में कुछ ट्रांसपोर्टरों को शिफ्ट कर दिया परन्तु बुनियादी सुविधाओं की कमी कारण कई ट्रांसपोर्ट कंपनियां वहां से अपना कारोबार कहीं ओर ले गई हैं जो ट्रांसपोर्टर इस वक्त अभी मौजूद हैं उनको भी संतुष्टि नहीं है। ऐसे हालातों दरमियान सवा सौ के करीब ट्रांसपोर्ट कंपनियों को शहर से बाहर लेजाने के लिए बनाई योजना पर सवाल खड़Þे होते हैं। हैरानीजनक पहलू है कि अभी तक ट्रांसपोर्टरों की बुनियादी जरूरत पेट्रोल पंप तक भी सरकार मुहैया नहीं करवा सकी है जबकि इस लिए जगह रखी हुई है।

नीतियां सही करे सरकार: अध्यक्ष

गुडज बुकिंग एजेंंसीज एसो. बठिंडा के अध्यक्ष राम सिंह महल ने कहा कि वर्ष 2002 में ट्रांसपोर्ट नगर में जगह के भाव 3982 रुपए प्रति गज तय हुए थे जो कि चार पाँच सालों में करोड़ों पर पहुंच कर उनकी पहुंच से बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि ऊपर से अलाटमैंटें भी सही नहीं हुई, जिस कारण यहां ट्रांसपोर्ट का धंधा नहीं फैल सका है। महल ने कहा कि यदि प्रशासन व नगर सुधार ट्रस्ट ट्रांसपोर्ट नगर को वसाने प्रति सहृदय है तो पहले नीतियां सही हों, नहीं तो यह प्रोजैक्ट इस तरह ही लटकता रहेगा।

 

 

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