बिजली संशोधन मसौदे में बिजली इंजीनियरों के सुझाव शामिल नहीं: गुप्ता

Power amendment draft

जालंधर (एजेंसी)। बिजली (संशोधन) बिल 2018 Power amendment draft विद्युत अधिनियम 2003 के संशोधित संस्करण को सरकारी एजेंसियों, बिजली वितरण कंपनियों, नियामकों और उद्योगों को उनकी टिप्पणियों के लिए प्रसारित किया गया है।

आॅल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने शनिवार को यहां जारी बयान में बताया कि विद्युत मंत्रालय ने दावा किया है कि इसके संशोधित संस्करण में उसने हितधारकों द्वारा दिए गए विभिन्न सुझावों को शामिल किया है और बिल सामग्री और कैरेज को अलग करना चाहता है।

मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए मसौदा विधेयक के लिए 45 दिनों की अवधि के भीतर विभिन्न एजेंसियों की टिप्पणियों की मांग की है। मसौदा विधेयक को प्रसारित करने वाले पत्र ने बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों और कर्मचारियों, सबसे बड़ी हिस्सेदारी धारकों से टिप्पणियों की मांग नहीं की है।

एआईपीईएफ के प्रवक्ता विनोद गुप्ता ने बताया कि एनसीसीओईईई के बैनर के तहत इंजीनियरों और कर्मचारियों के एक समूह ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मसौदा विधेयक पर चर्चा की थी, फिर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, जिन्होंने अपने विभिन्न सुझावों पर सहमति व्यक्त की थी और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि इन्हें संशोधित बिल में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि एआईपीईएफ ने अब गंभीर चिंता के साथ नोट किया है कि स्पष्ट रूप से संशोधित मसौदे में कोई भी सुझाव शामिल नहीं किया गया है।

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