अब बगैर पढ़े पास नहीं होंगे दिव्यांग विद्यार्थी

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अभियान। प्रदेश के दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा में जोड़ने की तैयारी

  • सामान्य बच्चों के बराबर लाने का प्रयास

भिवानी(सच कहूँ न्यूज)। प्रदेश के स्कूलों में पढ़ रहे दिव्यांग बच्चों को अब बिना पढ़ाए लिखाए पास नहीं किया जाएगा, बल्कि बाकायदा उन्हें पाठ्यक्रम से जोड़कर पढ़ाया जाएगा व दूसरे बच्चों के साथ मुख्य धारा में जोड़ने का काम किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए खास अभियान की शुरूआत भी कर दी है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद् गुड़गांव के द्वारा प्रदेश भर के स्पेशल टीचर्स को प्रशिक्षण दिया गया। इसी के तहत भिवानी जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में भी प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद अब ये स्पेशल टीचर्ज प्रदेश के उन स्कूलों को खास प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिन स्कूलों में किसी भी प्रकार की दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे हैं। इन बच्चों को सामान्य बच्चों की मुख्यधारा में लाने के लिए अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

स्पेशल टीचर्स को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

मास्टर ट्रेनर डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश भर में अध्यापकों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाना है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चे खुद को दिव्यांग ना समझें व अध्यापक भी उनको दिव्यांग ना समझकर स्लो जर्नर की तरह ट्रीट करें व कमजोर बच्चों की तरह ही उन पर खास ध्यान देकर उन्हें दूसरे बच्चों के बराबर लाने के प्रयास करें। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी संतोष नागर ने भी इस प्रशिक्षण शिविर को कारगर बताया। उन्होंने बताया कि वे लगातार इस शिविर की मानिटरिंग कर रही हैं। वहीं प्रशिक्षण कैम्प में भाग ले रहे अध्यापकों का कहना है कि दिव्यांग बच्चों को पढ़ाना मुश्किल होता है तथा उन्हें किस तरह दूसरे बच्चों के साथ मुख्यधारा में जोड़ा जाए, यही इस कैम्प में बताया जा रहा है।

पहले लागू था फेल न करने का नियम

बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को फेल ना करने का नियम ऐसे बच्चों पर भी लागू था तथा उन्हें भी बिना किसी ज्ञान के अगली कक्षा में किए जाने का प्रावधान है। ऐसे में विभाग इस बात को लेकर गंभीर हुआ है कि ऐसे बच्चों की पहले तो दिव्यांगता की पहचान की जाए कि वह किस तरह की दिव्यांगता से ग्रस्त है। उसके बाद उसका मैडिकल प्रमाण पत्र बनवाकर उसे दूसरे लाभ दिलवाने का काम भी विभाग के द्वारा किया जा रहा है तो साथ ही अब उन बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह वही पाठ्यक्रम पढ़ाकर मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार एवं विभाग के द्वारा कवायद शुरू की गई है।

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