कंस्ट्रक्शन में देरी के चलते चीन बॉर्डर पर तैनात नहीं हो पाईं मिसाइल

Missile System, Deployed, China Border, Construction

नई दिल्ली: कैग (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में एयरफोर्स के स्ट्रैटजिक मिसाइल सिस्टम (Missile System) की तैनाती में देरी के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री की खिंचाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में तैयार इस मिसाइल सिस्टम को चीन बॉर्डर पर 2013 से 2015 के बीच 6 ठिकानों पर तैनात किया जाना था, लेकिन ठिकानों पर कंस्ट्रक्शन में देरी के चलते 3619.25 करोड़ रुपए की कॉस्ट से तैयार एक भी मिसाइल सिस्टम को आज तक तैनात नहीं किया जा सका।

रखरखाव सुविधाएं जुटाने में हुई देरी | Missile System

  • ‘S’ सेक्टर में टोह और निगरानी क्षमता प्रभावित हुई,
  • इसलिए मिसाइल सिस्टम के लिए तय ठिकानों पर रखरखाव सुविधाएं जुटाने में देरी हुई।
  • जबकि इस सेक्टर में 2011-16 के दौरान टोही मिशन पर एयरफोर्स ने 34.40 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किए।

108 आटोपायलट प्रोजेक्ट पर भी एतराज | Missile System

  • कैग ने रिपोर्ट में एयरफोर्स के 108 जगुआर आटोपायलट प्रोजेक्ट पर भी एतराज जताया है।
  • अगस्त 1999 में हुए एक कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक 2006 से 2008 के बीच सिर्फ 35 आटोपायलट हासिल हुए।
  • सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) से प्राप्त इस स्ट्रैटजिक मिसाइल सिस्टम की क्वालिटी में खामी है।
  • कैग की रिपोर्ट एयरफोर्स और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के लेन-देन के टेस्ट ऑडिट से जुड़े मामलों और डिफेंस मिनिस्ट्री के रिकॉर्ड्स से संबंधित है।

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।