‘पहले जेल फिर जांच’ के काले कानून के विरोध में बाजार बंद सफल

Pehle Jaanch Fir Jail

सर्व समाज के लोगों ने घूम-घूमकर बंद करवाई दुकानें

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। एससी एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में सर्व समाज संघर्ष समिति गुरुवार को सड़क पर उतर आई। ‘पहले जेल फिर जांच’(Pehle Jaanch Fir Jail)के काले कानून का विरोध जताया । समिति के आह्वान पर बाजार बंद का जिला मुख्यालय पर भी अच्छा-खासा असर दिखा। जंक्शन-टाउन में दोपहर तक चुनिंदा दुकानों को छोड़कर पूरा बाजार बंद रहा। सुबह से ही बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। टाउन में बाजार बंद का व्यापक असर नजर आया। बंद की सूचना से अनभिज्ञ लोग बाजार पहुंचे लेकिन वे दुकानें बंद होने के कारण परेशान होते रहे। जिला मुख्यालय पर बंद को ब्राह्मण समाज, अग्रवाल समाज, व्यापारिक संगठनों, शिक्षण संस्थाओं, सेल टैक्स यूनियन, कपड़ा व्यापारी यूनियन आदि ने समर्थन दिया।

शहर के निजी स्कूल में भी की छुट्टी

शहर के निजी स्कूल खुले लेकिन बाजार बंद करवा रहे विभिन्न संगठनों के लोगों के अनुरोध के बाद कुछ स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। सामान्य एवं ओबीसी अनारक्षित वर्ग के राजकीय एवं निजी विद्यालयों से जुड़े अध्यापक, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी स्वैच्छिक अवकाश लेकर बंद में सहयोग किया। व्यापारियों ने भी समिति की मांग के समर्थन में अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इस कारण मंडी में किसी भी कृषि जिंस की बोली नहीं हो पाई। संघर्ष समिति के सदस्यों ने अलग-अलग टोलियां बनाकर बाजार में चक्कर लगाए तथा दुकानदारों से आग्रह कर खुली दुकानें बंद करवाई।

सर्व समाज के लोग जंक्शन में भगत सिंह चौक व टाउन की हिसारिया मार्किट में एकत्रित हुए और बाजुओं पर काली पट्टियां बांध इस काले कानून का विरोध किया। जंक्शन में सौरभ राठौड़, पार्षद महेश शर्मा, गणेश बंसल, राजेश मदान, कालूराम शर्मा, रामचन्द्र महाजनी, विकास शर्मा, एसएन गुप्ता, विजय बलाड़िया, अशोक व्यास, दीपक कुक्कड़, प्रशांत भारतीय, मुकेश मित्तल, दुर्गा प्रसाद शर्मा, भारतभूषण कौशिक, आशु गर्ग, श्याम राजपुरोहित आदि के नेतृत्व में संघर्ष समिति सदस्य शहर के ह्रदयस्थल भगतसिंह चौक पर एकत्रित हुए।

इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने सभी राजनीतिक दलों की ओर से संसद में पास के किए ‘पहले जेल फिर जांच’(Pehle Jaanch Fir Jail)के काले कानून का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि उक्त काले कानून के पास होने के कारण अब सामान्य वर्ग के किसी भी व्यक्ति से अपनी द्वेषता निकालने के लिए कोई भी एससी एसटी वर्ग का व्यक्ति या अन्य किसी वर्ग का व्यक्ति एससीएसटी के व्यक्ति से मुकदमा करवाकर अपनी द्वेषता निकाल सकेगा। वक्ताओं ने आरोप लगाया गया कि वोटबैंक की राजनीति के चलते सरकार ने उक्त काले कानून को पास कर सामान्य वर्ग के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है।

केंद्र सरकार जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है, लेकिन केंद्र के इस मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि वोट की राजनीति में देश के सवर्ण और ओसीबी समाज पर थोपे गए काले कानून को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस एक्ट के विरोध में सामान्य वर्ग के जन प्रतिनिधियों को भी साथ देना चाहिए। सभा के बाद समिति सदस्यों ने बाजार में घूम-घूमकर दुकानें बंद करने का आग्रह दुकानदारों से किया। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस कर्मी तैनात रहे। वहीं टाउन में प्रदीप ऐरी, रिंकू मिश्रा आदि के नेतृत्व में सर्व समाज के लोगों ने बाजार बंद करवाया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एससी एसटी के दुरुपयोग को लेकर नया फैसला सुनाया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया। नए एससी-एसटी एक्ट का सर्व समाज की ओर से विरोध किया जा रहा है।

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