मनो ने बचाया करोड़ों का सरकारी खजाना

साकार कर रहे पीएम मोदी का ‘डिजीटल इंडिया’ का सपना

  • जनसुविधाओं से लेकर आम मीटिंगों तक में हाइटेक तकनीक का उपयोग
  • वीडियो कांफ्रेंसिंग से निपटाए जा रहे सरकारी काम

चंडीगढ़(अनिल कक्कड़)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल दुनिया भर के नेताओं, युवाओं व आम-जन के आइडल हैं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी उन्हें बाखूबी फॉलो करते हैं। मोदी ने जिस तरह चुनावों के साथ-साथ शासन व्यवस्था में भी तकनीक की सहारा लेकर जनसुविधाओं को लोगों के लिए आसान बनाया है वहीं डिजीटल होते इंडिया में हरियाणा सरकार भी पीछे नहीं है। मोदी सरकार की तरह मनोहर सरकार भी जगह-जगह जाकर मीटिंगें करने एवं शिलान्यास करने की बजाय वीडियो कांफे्रंसिंग से ही बहुत से महत्वपूर्ण कार्य निपटा रही है जिससे सरकार के खजाने पर बोझ भी कम पड़ रहा है और समय की बचत भी हो रही है।

इस बाबत सचिवालय स्थित आईटी डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार मनोहर सरकार ने अब तक अपने कार्यकाल में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा ही निपटा दिए हैं। आईटी अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में रोजाना 2 से 4 महत्वपूर्ण बैठकें वीडियो कांफे्रंसिंग द्वारा की जा रही हैं।

ये बैठकें न केवल उच्चाधिकारियों द्वारा जिला अधिकारियों की हैं बल्कि चीफ इन्फारमेंशन कमिश्नर तक की बैठकों सहित मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की जिले के अधिकारियों के साथ होने वाली अधिकारी बैठकें वीडियो कांफें्रसिंग के जरिए हो रही हैं। बैठकों के अलावा एक ही साथ विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास भी मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों द्वारा वीडियो कांफे्रंसिंग द्वारा ही किए जा रहे हैं। जिनमें गत दिनों 21 महाविद्यालयों का एक साथ शिलान्यास एक बड़ा उदाहरण हैं।

बचाया करोड़ों रुपए का पैट्रोल-डीजल

आईटी अधिकारियों के अनुसार मनोहर सरकार के इस कदम से जहां अब तक करोड़ों रुपए का डीज़ल-पैट्रोल बचाया गया है। वहीं अधिकारियों की तैनाती, कार्यक्रम के लिए होने वाले इंतजाम, सुरक्षा इंतजाम एवं अन्य इंतजामों के करोड़ों रुपए के खर्च को बचाया गया है।

पैसे के साथ-साथ समय की बचत

तकनीक के इस उपयोग से न केवल पैसों की बचत हो रही है वहीं सरकार के बहुमूल्य समय की बचत भी हो रही है। एक तरफ जहां पिछली सरकारों में मंत्री एवं अधिकारी ज्यादातर टूअर पर रहते थे एवं शिलान्यास, मीटिगों के लिए जिलों में घूमते थे वहीं आज मंत्री एवं अधिकारी ज्यादातर सचिवालयों में बने अपने दफ्तरों में मौजूद रहते हैं एवं सरकारी काम-काज के लिए आम लोागें के लिए उपलब्ध रहते हैं।

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