21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण आज

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एक ही रात में तीन खगोलीय घटनाएं

नई दिल्ली (एजेंसी) । 27 जुलाई शुक्रवार यानी पूर्ण चंद्रग्रहण की रात बेहद खास खगोलीय घटनाओं में शुमार होने जा रही है। मंगल ग्रह 21वीं शताब्दी के सर्वाधिक लंबे चंद्रग्रहण का गवाह बनेगा, वहीं आसमानी आतिशबाजी इस घटना को रोमांचकारी बनाएगी। इस रात डेल्टा एक्वारिड्स उल्का वृष्टि चरम पर रहने वाली है। एक ही रात में होने जा रही तीन आकर्षक खगोलीय घटनाएं इसे यादगार बनाने जा रही हैं।

रात 11.55 से 3.49 बजे तक 03.54 घंटे रहेगा चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना तो आधी रात से शुरू होगी। इससे पहले शाम ढलते ही लाल ग्रह पूरब दिशा में अनूठी चमक बिखेरते हुए उदय हो रहा होगा। इसके बाद पूर्ण खिला हुआ चांद नजर आएगा। इस बीच खास बात यह होगी कि आसमानी आतिशबाजी के रूप में जलती हुई चमकदार उल्काएं आसमान से धरती की ओर गिरने लगेंगी। जिन्हे सूर्यास्त के समय देखने की अधिक संभावना है।

मंगल व चंद्रमा एक दूसरे के बेहद करीब नजर आएंगे

वहीं पूर्ण ग्रहण के दौरान के अलावा सूर्योदय से पहले देखे जाने की संभावना है। इस बीच मंगल व चंद्रमा एक दूसरे के बेहद करीब नजर आएंगे। मंगल की चमक अपनी औसत चमक से करीब 12 गुना अधिक होगी। आसमानी आतिशबाजी में डेल्टा एक्वारिड्स उल्का वृष्टि 27 जुलाई की रात चरम पर रहने वाली है। इसके बाद भी इसे अगस्त माह तक देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण रात 11.55 बजे शुरू हो जाएगा। एक बजे पूर्ण ग्रहण लगा चांद नजर आने लगेगा, जो 2.43 बजे तक पूरी तरह धरती की छाया के आगोश में रहेगा। 3.49 बजे चंद्रमा ग्रहण से मुक्त हो जाएगा।

होगा चंद्रग्रहण, नजरें होंगी मंगल पर

मंगल इन दिनों हमारे सर्वाधिक करीब आ पहुंचा है। यह संयोग पिछले 60 हजार साल में दूसरी बार बनने जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2003 में मंगल हमारे सर्वाधिक नजदीक पहुंचा था। आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोलीय वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार यह तीनों घटनाएं खगोलीय दृष्टि से बेहद खास हैं। वहीं वैज्ञानिक नजरिए से मंगल ग्रह अध्ययन के लिए खास होगा। मंगल मिशन के लिए भावी योजनाओं के अलावा इन दिनों मंगल के वातावरण पर छाए धूल के गुबार का अध्ययन किए जाने में मदद मिलेगी।

इसलिए कहते हैं ‘ब्लड मून’

पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह नाटकीय रूप से चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में उसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। सूतक काल दोपहर 2.55 बजे से धर्मशास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण में 12 घंटे व चंद्रग्रहण में नौ घंटे पूर्व सूतक लग जाता है। इस लिहाज से सूतक काल दोपहर 2.55 बजे से होगा।

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