लाईनमैनों के संघर्ष में फिर डटे ‘आप’ विधायक

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नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग, कांग्रेस सरकार के विरु द्ध खोला मोर्चा

  • धरनों के दौरान आश्वासन देने वाले कांग्रेसी नेता दें लाईनमैनों को रोजगार : पिरमल

पटियाला(खुशवीर सिंह तूर)। बेरोजगार लाईनमैन यूनियन के प्रधान और हलका भदौड़ से विधायक पिरमल सिंह एक आर फिर बेरोजगार लाईनमैनों को रोजगार दिलाने के लिए संघर्ष में डट गए हैं। उनकी ओर से आज सुबह से लेकर शाम तक पॉवरकाम के मुख्य कार्यालय के आगे अपनी भूख हड़ताल रखी गई।

वैसे उन्होंने कैप्टन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बेरोजगार लाईनमैनों के नियुक्ति पत्र जारी न किए गए तो वह बड़ा संघर्ष छेड़ने से गुरेज नहीं करेंगे। जानकारी के अनुसार बेरोजगार लाईनमैन यूनियन की ओर से अपनी नियुक्ति पत्र की लटकती आ रही मांग को पूरा करवाने के लिए कांग्रेस के सरकार खिलाफ अपना संघर्ष शुरू कर दिया है।

पॉवरकाम के मुख्य कार्यालय के आगे शुरू की भूख हड़ताल

यूनियन के प्रधान और हलका भदौड़ से विधायक पिरमल सिंह की ओर से बुधवार प्रात:काल 9 बजे से शाम 5बजे तक अपनी भूख हड़ताल रखी गई। इस मौके पिरमल सिंह ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ओर से बेरोजगारों को नौकरियां देने के लिए वायदा किया गया है और इस वायदे के अनुसार इन बेरोजगार लाईनमैनों की दशकों से आ रही मांग को पूरा किया जाए।

विधायक पिरमल ने कहा कि जब अकाली -भाजपा सरकार के समय उनकी ओर से आमरण अनशन शुरू किया गया था तो उस समय टैंट में आकर वर्तमान मुख्य मंत्री की धर्मपत्नी प्रनीत कौर, राजा वड़िंग, साधू सिंह धर्मसोत, चरनजीत सिंह चन्नी, बीबी रजिन्दर कौर भट्ठल सहित अन्य नेताओं की ओर से पहुंच कर वायदा किया गया था कि कांग्रेस सरकार आने पर उनके मसले को पहल के आधार पर हल किया जाएगा ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को याद करवाने के लिए ही आज उन्होंने अपनी सांके तिक तक भूख हड़ताल रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार के सौ दिन बीत जाने के बावजूद भी लाईनमैनों का मसला अभी वहीं खड़ा है।

विपक्ष के समय कांग्रेसियों की मरियादा कहां थी ?

विधान सभा में पगड़ी उतरने के मसले संबंधी विधायक पिरमल सिंह ने कहा कि इसके जिम्मेदार सीधे तौर पर मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस सरकार ‘आप’ के चुने हुए विधायकों को मरियादा का पाठ पढ़ा रही है, जबकि अकाली सरकार के समय इनकी ओर से ही विधान सभा में रात को धरने लगाए गए और वहीं रातें काटी गई।

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