Himachal Pradesh Weather Update: 255 लोगों की मौत के मुंह में फंसी थी जिंदगी… फिर जो हुआ!

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Himachal Pradesh Weather Update 255 लोगों की मौत के मुंह में फंसी थी जिंदगी... फिर जो हुआ!

शिमला (सच कहूँ न्यूज)। Himachal Pradesh Weather Update: हिमाचल प्रदेश के चंद्रताल में फंसे पर्यटक समेत सभी 255 लोगों को गुरुवार को सुरक्षित बचाया गया। चंद्रताल की सड़कें 26 किलोमीटर तक बर्फ से ढकी हुई थी जिसके कारण लोग वहां फंसे हुए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोसर पहुंच कर राहत और बचाव अभियान की समीक्षा की। राज्य के जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव दल में शामिल हुए। मंत्री और सचिव ने बचाव दल को कुजंपास के समीप बचाव अभियान की समीक्षा करने का निर्देश दिया।

इस अभियान के दौरान लोसर के कुछ युवकों के एक दल को बटाल गांव भेजा गया, जिन्होंने वहां से जानकारी दिया कि वहां कुछ लोग फंसे हुए हैं। मंत्री ने जब इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को दी तो उन्होंने तुरंत निर्देश दिया कि वहां फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए दूसरी टीम भेजी जाए। इसके बाद प्रशासन ने स्पीति में स्थानीय युवाओं की एक टीम बनाई और उन्हें वाहनों के साथ बटाल रवाना किया। तीन जेसीबी को भी इस काम में लगाया गया।

हिमाचल में अब तक 88 लोगों की मौत, केंद्र ने की 180.40 करोड़ की पहली किश्त जारीः ठाकुर | Himachal Pradesh Weather Update

केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्राकृतिक अापदा की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। अब तक लगभग 88 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है। राज्य की सड़कें और पुल नष्ट एवं ध्वस्त हो चुके हैं। लोगों की निजी संपत्तियों जैसे घर और दुकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इन सभी से उबरने में काफी समय लगेगा।

ठाकुर ने हिमाचल के हालात पर चर्चा करने के लिए आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट की और प्रदेश की त्वरित सहायता के लिए उनका आभार प्रकट किया। जिस तरह बिना समय गँवाये एनडीआरडीए की 12 टीमों को हिमाचल में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए लगाया वो देवभूमि के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दिखाता है। जहां तक वित्तीय मदद की बात है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को 180.40 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी है जिसका लाभ राहत-बचाव एवं पुनर्वास कार्यों को मिलेगा। उनके द्वारा हिमाचल के लिए की गई सभी सहायताओं के लिए आभार प्रकट किया व भविष्य में हरसंभव मदद के लिए निवेदन किया है। Himachal Pradesh Weather Update

उन्होंने भारी बारिश के चलते बाढ़ से प्रभावित हिमाचल प्रदेश की त्वरित सहायता के लिए उनका हार्दिक आभार प्रकट किया। ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के हालातों पर पूरी तरह नज़र बनाए रखी है। प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर निकल रहा हूं। बाढ़ प्रभावित हिस्सों का निरीक्षण कर बारिश से प्रभावित लोगों से मिलूँगा उनका दर्द साझा करूँगा और सरकार की ओर से हो सकने वाली हर संभव मदद दिलवाने का प्रयास करूँगा तथा वापस आकर फिर से गृहमंत्री को ज़मीनी रिपोर्ट सौंपूँगा।

घग्घर नदी में जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी,बाढ़ का खतरा बरकरार

हरियाणा में घग्घर नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आज ओटू हैड से 16 हजार क्यूसेक पानी राजस्थान की ओर बह रहा है। पंचकुला में बारिश के चलते गुहला चीका में सुबह जलस्तर गेज को पार कर गया था वह शाम तक 65 हजार क्यूसिक हो गया है। यह पानी निरंतर आगे बह रहा है इसलिए सिरसा में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

बाढ़ की संभावना को भांपते हुए युद्ध स्तर पर घग्घर नदी के तटबंधों पर जहां ओर मिट्टी डालकर ऊंचा किया जा रहा है वहीं मिट्टी के थैले भरकर तटबंधों के एक छोर पर लगाकर ओर मजबूती दी जा रही है। सिंचाई विभाग के अलावा ग्राम पंचायतें व सामाजिक संस्थाएं भी बाढ़ बचाव कार्यों में जुट गई हैं। तटबंधों पर बसे गावों के लोगों के पास उनके रिश्तेदार भी ट्रेक्टर आदि लेकर मदद के लिए आने शुरू हो गए हैं।

सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता एवं नोडल अधिकारी अजीत हुड्डा ने बताया कि पानी का बहाव निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। गुहला चिका में शाम छह बजे 65हजार क्यसिक पानी आंका गया। जबकि खनौरी हैड में 50 हजार क्यूसिक,चांदपुर में 15 हजार 240 क्यूसिक,सरदूलढ़ में 23 हजार 500 ओटू हैड पर 21 हजार जबकि इंदिरा गांधी नहर साइफन पर 11 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है।

ओटू हैड से निकलने वाली फ्लडी नहरों में 3 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। किसानों द्वारा ओटू हैड के पास फ्लडी नहरों में पानी छोडऩे की मांग पर दिया गया धरना हटा लिया गया है। मुसाहिबवाला से राजस्थान नहर तक 75 किलोमीटर घग्घर नदी को नौ सेक्टर में बांटकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की विशेष जुम्मेवारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अगर आगामी तीन चार रोज में सिरसा जिला में बारिश नहीं हुई तो संभावित बाढ़ का खतरा टल जायेगा।
बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने वीरवार को नेजाडेला खुर्द, बुढाभाणा, किराड़कोट, झोरडऩाली आदि गांवों के साथ लगते घग्घर नदी के तटबंधों का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि घग्घर नदी पर संभावित बाढ़ एवं अन्य किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शासन व प्रशासन ने सभी आवश्यक संसाधनों को इस कार्य में लगाया हुआ है। मुख्यमंत्री निरंतर बाढ़ प्रबंधों की रिपोर्ट ले रहे हैं। बिजली मंत्री ने कहा कि घग्गर नदी का जल स्तर कितना बढ़ता है, इसके लिए अगले तीन दिन महत्वपूर्ण है।
यहां स्थिति अलग है और जैसी भी परिस्थितियां बनेंगी उनसे निपटा जाएगा। बिजली मंत्री ने संभावित बाढ़ के नियंत्रण व बचाव के लिए जेसीबी, लेबर आदि संसाधन जुटाने के लिए अपने निजी कोष से दस लाख रुपये देने की घोषणा की। इस दौरान उपायुक्त पार्थ गुप्ता एसडीएम सिरसा राजेंद्र कुमार, डीआरओ सुरेश कुमार, एसई आत्मा राम भांभू, डीडीपीओ राजेश कुमार, कार्यकारी अभियंता अजीत हुडडा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

वहीं पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा ने भी खैरेका, नेजाडेला कलां, नेजा डेला खुर्द ,मतड़, रंगा, मलेवाला, ओटू, बुर्ज कर्मगढ़, झोरडऩाली तथा केलानियां आदि गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया तथा संबंधित पुलिस अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से इस संबंध में जहां पुख्ता प्रबंध किए गए हैं वहीं ठीकरी पहरा लगाया जा रहा है। जिला के सभी पुलिस अधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को पूरी तरह अलर्ट करते हुए गार्द लगा दी गई है। उधर, प्रदेश में कई जिलों में बाढ़ के क कारण धान की फ सलें तबाह हो चुकी है। धान की फसल खराब होने के कारण इसकी पौध की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में हरियाणा के किसानों ने अपने रिश्तेदारों और किसान भाईचारे से धान की पौध को बचाकर रखने की अपील की है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद के किसानों के वाट्सएप ग्रूपों में यह मैसेज वायरल हो रहा है।

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