अरब देशों में हिंसा का शिकार भारतीय महिलाएं

Indian women victims of violence in Arab countries

बीते दिन संयुक्त अरब अमीरात से वापिस आई एक लड़की ने जिस तरह अपनी दु:खों की कहानी सुनाई है उससे सरकार के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है। ठग्ग ट्रैवल एजेंट गरीब व मध्य वर्गीय परिवारों की लड़कियों को मोटी कमाई का लालच देकर अरब देशों के धनाढ़्य शेखों के पास बेच देते हैं, जहां उनको जेल जैसी जिंदगी गुजारनी पड़ती है व अत्याचार भी सहन करने पड़ते हैं। दरअसल पिछले 10-15 वर्षोंें से अरब शेख हैदराबाद व कई अन्य महानगरों में छोटी बच्चियों को (चाईल्ड ब्राईड) खरीद के ले जाते रहे हैं। अरब शेखों के कई एजेंट छोटी बच्चियों को यह कहकर ले जाते हैं कि वहां उनका विवाह 15-20 वर्ष के व्यक्ति के साथ करवाया जाएगा वहां जाकर पता चलता है कि शादी करने वाला लड़का नहीं बल्कि 70 वर्ष का बुजुर्ग है। अब ठग ट्रैवल एजेटों ने नौकरियों के नाम पर पंजाब में से लड़कियों को अरब देशों में ले जाना शुरु कर दिया है। भारत में नौकरियां सीमित हैं व ऊपर से आधुनिक सुविधाओं के साथ सुख, आराम व देखादेखी की जिंदगी जीने के लिए मध्य वर्गीय लोग अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं। यहां तक कि वह एजेंंटों को फरिश्ता जैसा मानने लग जाते हैं, लेकिन उनकी आंखें तब खुलती हैं, जब कोई लड़की बड़ी मुश्किल से शेखों के पास अत्याचार का शिकार होने संबंधी संदेश अपने माता-पिता तक भेजती है। दूसरी तरफ ठग ट्रैवल एजेटों का जाल इतना अधिक फैला हुआ है कि वह बिना कोई कार्यालय खोले, बिना कोई अता पता बताए सिर्फ मोबाईल फोन पर ही बात करते हैं व फोन द्वारा ही सारा खेल खेलते हैं। मुंह मांगे रूपये देते हैं। पुलिस का इन एजेंटों पर कोई कन्ट्रौल नहीं। यह अपना धंधा लगातार चला रहे हैं। सरकार के लिए यह समस्या अभी तक पुलिस मामलों तक ही सीमित है। अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तब इसके हल के लिए कई सामाजिक पहलुओं पर काम करने की जरूरत है। सरकार ने आम जन को जागरूक करने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया। इस मामले में एक ठोस मुहिम चलाने की जरूरत है। रूपयों के लोभ में भोले-भाले लोग जमीनें/घर बेचकर ठग ट्रैवल एजेंटों के मुंह भर रहे हैं। जबकि हमारे देश की भोली-भाली लड़कियों को विदेशों में बेचा जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह विदेशों में कानूनी तरीके से जाने संबंधी पूरी जानकारी देने के लिए प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन दे। सरकार युवा भलाई विभाग इस संबंधी गांव स्तर पर कार्यक्रम करवाकर आम लोगों तक सीधी बात कह सकती है। अभिभावकों को भी चाहिए कि वह रूपयों के लोभ में अपने बच्चों को विदेशों में भेजने के लिए ठग एजेंटों पर आंखें मूंद कर विश्वास न करें।

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