बदलते मौसम में वायरल फीवर से कैसे बचें? गुरु जी ने बताये घरेलू उपचार

बरनावा। शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा यूपी से रूहानी सत्संग के दौरान साध-संगत द्वारा पूछे गए के सवालों के जवाब देते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने स्वास्थ्य संबंधी अनमोल टिप्स दिए।

सवाल : पूज्य गुरु जी बदलते मौसम में वायरल fever से कैसे बचें?

पूज्य गुरु जी का जवाब : बदलता मौसम, कहते हैं कि सर्दी आती मारती है या सर्दी जाती मारती है। ये पुराने बुजुर्गों की कहावत है, कि जब सर्दी आती है तो गड़बड़ करती है और जब जाने लगती है तो गड़बड़ करने लगती है। होता क्या है आप पहलवान बन जाते हैं। एक दिन मौसम गर्म हुआ, फरवरी का महीना जैसे चल रहा है, एंह सर्दी तो चली गई। आधी बाजू का कपड़ा पहना और चल दिए। रात को कड़ाके की सर्दी और एकदम से ठंड लग जाती है, नैच्यूरली। क्योंकि पहले आप बॉडी को गर्म कपड़ों का आदी बना चुके हो। कई ऐसे भी होते हैं सर्दी में बनियान में ही घुमते रहते हैं, फर्क ही नहीं पड़ता। हमारे वहां राजस्थान में ऐसे होता था। लेकिन उससे क्या होता है कि गर्म सर्द हो गया तो आपको जुखाम वगैरह या ये वायरल बुखार हो जाता है। मौसम के कारण भी ये चीजें बहुत होती हैं।

बैक्टीरिया, वायरस बढ़ जाते हैं, कि जैसे सर्दी के मौसम में दिन में गर्मी हुई वो छिप गए और रात को एकदम से निकले तो वो भी कारण है। खान-पान में आपने चक्कर डाल दिया, पहले कोई गर्म चीज खा ली और फिर देखा कि आज तो मौसम गर्म है कोई ठंडी चीज खा ली तो उससे बुखार हो जाता है। और फिर ये वायरल अगर हो गया तो कम से कम मास्क लगाकर जरूर रखें। कहता है कि मेरे को हुआ है तो मेरे ताए को, चाचे को, माँ को, बाप को क्यों नहीं? और वायरल तो तैयार बैठा होता है, वायरल मतलब फैलने वाला। तो फैलने वाली चीज है तो अपने तक सीमित रख लो। अगर आप परेशान हो रहे हैं तो दवाई तो ले लेनी चाहिए। तो आप अपना बचाव रखिए। अब जैसे अंदर ठंड है, बाहर गर्मी तो आप जब जाएं तो थोड़ा शरीर को, अगर आपने एसी वगैरह चला रखा है तो उसे बंद करो, टैम्परेचर को बढ़ने दो, क्योंकि अंदर वाला धीरे-धीरे बढ़ेगा। तो इस लायक हो जाए कि जब बाहर जाओ तो अंदर और बाहर का टैम्परेचर मैंटेन रहे तो उससे बीमारियां से बचा जा सकता है।

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