राजस्व विभाग में पकड़े गए सबसे ज्यादा घूसखोर, दूसरे नम्बर पर पुलिस

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चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)

भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए प्रदेश सरकार भले ही लाख कोशिश करती रहे लेकिन घूसखोर अधिकारी व कर्मचारी इस कदर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं कि उन्हें जहां भी मौका मिलता है, चपत लगाने से बाज नहीं आते। वर्तमान में प्रदेश में अगर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं तो वो राजस्व महकमा है जबकि पुलिस दूसरे नंबर है।

यह हम नहीं कह रहे बल्कि हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो के आंकड़े कह रहे हैं। ब्यूरो द्वारा भाजपा सरकार के कार्यकाल में की गई कार्यवाही के तहत 128 अपराधिक मुकद्दमों में सजा सुनाई गई, जिनमें ब्यूरो द्वारा पकड़े गए 139 अधिकारियों व कर्मचारियों तथा 47 अन्य व्यक्तियों को भ्रष्टाचार उन्नमूलन अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं में कठोर करावास की सजा हुई है।

ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए अधिकारियों व कर्मचारियों में राजस्व विभाग के 30, पुलिस विभाग के 25, शिक्षा विभाग के 16, विद्युत विभाग के 11, सहकारिता विभाग के 9, स्वास्थ्य विभाग के 8, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 7, पशुपालन विभाग के 3, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 3, जनस्वास्थ्य विभाग के 3, कृषि विभाग के 3,

सिंचाई विभाग के 3, पंचायती राज विभाग के 2, श्रम विभाग के 2, वक्फ बोर्ड के 2,खजाना विभाग के 2, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का एक, औद्योगिक विभाग का एक, न्याय एवं अधिकारिता विभाग का एक, आबकारी व कराधान विभाग का एक, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग का एक, विकास एवं पंचायत विभाग का एक तथा न्याय प्रशासन विभाग का एक कर्मचारी शामिल है।

उन्होंने बताया कि सजा पाने वाले कर्मचारियों में सबसे अधिक राजस्व, पुलिस और शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं और इन सभी मामलों में आरोपियो को अदालत द्वारा पांच साल तक के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक 482 अपराधिक मुकद्दमें विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध दर्ज किये गए हैं, जिनमें 389 छापे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 389 छापों के मामलों में 39 राजपत्रित, 374 अराजपत्रित कर्मचारियों एवं 49 अन्य लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि इनके विरूद्ध भ्रष्टाचार उन्नमूलन अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकद्दमें दर्ज किये गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक कुल 455 नई जांचे दर्ज की गई है, जिनमें पांच आईएएस, एक आईपीएस, चार एचसीएस, एक एचपीएस, छह मुख्य अभियंता, छह अधीक्षक अभियन्ता, 45 कार्यकारी अभियन्ता,

आठ तहसीलदार, सात नायब-तहसीलदार व 47 उप-मण्डल अधिकारी, उप-मण्डल अभियन्ता, नगर अभियन्ता तथा अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें विरूद्ध पड़ताल जारी है। उन्होंने बताया कि इनके विरूद्ध भ्रष्टाचार, सरकारी धन के गबन तथा आय से अधिक सम्पति बनाने के आरोप हैं।

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