हाईकोर्ट से हरियाणा सरकार को झटका

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 पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी नहीं होंगे सीपीएस

  • 4 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द
  •  सरकार के आग्रह पर तीन सप्ताह तक फैसले पर लगाई रोक

चंडीगढ़(अनिल कक्कड़)। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) की नियुक्ति अवैध और असंवैधानिक करार देते यह नियुक्तियां रद्द कर दी। साथ ही अदालत ने हरियाणा सरकार के आग्रह पर फैसले को लागू किए जाने पर तीन सप्ताह तक रोक भी लगा दी।

बता दें कि प्रदेश सरकार में सीपीएस नियुक्ति किए गए विधायक श्याम सिंह राणा, सीमा त्रिखा, डॉ. कमल गुप्ता एवं बख्शीश सिंह विर्क को अब अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ेगा। वहीं इन नियुक्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट जाने वाले एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने उचित फैसला किया है, क्योंकि इन नियुक्तियों से जनता कोई फायदा नहीं था,बल्कि उनकी गाढ़ी कमाई के टैक्स का पैसा बर्बाद हो रहा था।

उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व में पंजाब के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां अवैध और असंवैधानिक करार देकर रद्द कर दी थीं, लेकिन हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों के मामले में उस समय बहस जारी थी। इस दौरान याचिकाकर्ता ने अदालत में दलील रखी थी कि हाईकोर्ट जब पंजाब के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां रद्द कर चुका है तो हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां भी रद्द होनी चाहिए।

कानूनी सलाह लेकर करेंगे अगली कार्रवाई: वित्त मंत्री

अदालत द्वारा रद्द की गई सीपीएस की नियुक्तियों पर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सरकार माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा किए गए फैसले का सम्मान करती है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार उच्च कानूनी सलाहकारों से इस बाबत सलाह कर अगली कार्रवाई करेगी।

सीपीएस पर हुए खर्च सारी राशि हो वसूल: विपक्ष

अदालत के फैसले के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लोगों के खून पसीने की कमाई को सीपीएस जैसे पद के लिए बर्बाद किया जा रहा था। सीपीएस को घर दिए गए, कारें दी गई, स्टाफ दिए गये और खर्चा किया गया। ऐसे में विपक्ष ने मांग कि इन पर हुए सारे खर्च की वसूली की जाए।

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