गू्गल की चीन में वापसी की संभावना

Google returning to China

2006 से 2010 तक गूगल चीन में कार्यरत थी

न्यूयॉर्क (एजेंसी)। सर्च इंजन गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा कि कंपनी अभी भी चीन में अपने सर्च इंजन का सेंसर किया हुआ संस्करण पेश करने पर विचार कर रही है। यह बहुत दुर्लभ है जब कंपनी ने अपनी इस गोपनीय परियोजना के बारे में कोई सार्वजनिक खुलासा किया है। गू्गल की चीन में वापसी की संभावना के बारे में सबसे पहले खबर अगस्त में ‘द इंटरसेप्ट’ ने लीक की थी।

2010 में सेंसरशिप संबंधी चिंताएं सामने आने के बाद गू्गल को चीनी बाजार छोडऩा पड़ा

रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी की गूगल गोपनीय तरीके से ‘ड्रैगनफ्लाई’ विकसित कर रही है। इस विशेष सर्च इंजन को चीन के बड़े बाजार के लिए तैयार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन में 2010 में सेंसरशिप संबंधी चिंताएं सामने आने के बाद गू्गल को चीनी बाजार छोडऩा पड़ा।

पिचाई ने कहा कि अभी यह परियोजना ‘बहुत शुरुआती चरण में है और संभवतया इस पर आगे भी नहीं बढ़ा जाए।’ वह सैन फ्रांसिस्को में वायर्ड-25 सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत शुरुआती चरण में है। हमें नहीं पता हम चीन में इस पर आगे बढ़ सकेंगे या नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि इस बारे में विचार करना महत्वपूर्ण है। पिचाई ने कहा कि उनका मानना है कि यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बहुत बड़ा बाजार है और वहां बहुत सारे उपयोक्ता हैं। आंतरिक परीक्षणों में हमने पाया कि यह प्रणाली 99 प्रतिशत से अधिक सवालों का जवाब देने में सक्षम है।

पिचाई ने कहा कि ‘ड्रैगनफ्लाई’ एक प्रायोगिक आंतरिक परियोजना है। सीएनएन ने पिचाई के हवाले से कहा कि वह यह जानना चाहते थे, कि यदि गूगल चीन में होती तो वह कैसी होती? इसलिए उन्होंने इसे आंतरिक तौर पर विकसित किया। पिचाई के मुताबिक गूगल ने पाया कि चीनी सरकार उसके उपयोक्ताओं द्वारा सर्च की जाने वाली एक प्रतिशत से भी कम जानकारी को सेंसर करती है। उल्लेखनीय है कि 2006 से 2010 तक गूगल चीन में कार्यरत थी। चीन के सेंसरशिप कानूनों का विरोध करते हुए कंपनी ने आठ साल पहले वहां अपना परिचालन बंद कर दिया था।

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