ऑनलाइन ट्रेडिंग एप के जरीए करोड़ों की ठग्गी करने वालों का पर्दाफाश, महिला सहित 3 दबोचे

Online Trading App
ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में एक महिला सहित 3 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है जबकि अभी 2 लोग फरार है।
3 करोड़ रुपए के चैक, 40 लाख से अधिक की नकदी और बैंकों में फ्रीज की 30.80 लाख रुपए बरामद

लुधियाना। (सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल) लुधियाना पुलिस (Ludhiana Police) ने एक ऑनलाइन ट्रेनिंग एप के साथ करोड़ों रुपयों की ठग्गी का पर्दाफाश करने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस द्वारा उक्त ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में एक महिला सहित 3 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है जबकि अभी 2 लोग फरार है। ठग्गों द्वारा ‘वी’ ट्रेड नाम से एक मोबाइल एप्प तैयार किया गया। यह एप्प एंड्रायड फोन पर बंद हो चुका है लेकिन एप्पल फोन पर अभी वर्क कर रहा है। इसी एप्प के जरिए ये ठग्ग उन कारोबारियों से संपर्क साधते थे जो लोग शेयर बाजार में कच्चे का पैसा लगाते थे।

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पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पुलिस को 15 मई 2023 को इन ठग्गों के खिलाफ किसी ने 15 लाख की ठग्गी कि शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद से पुलिस (Police) ने इन ठग्गों पर नजर रख वर्क शुरु कर दिया था। आरोपी दो साल से ये गलत काम कर रहे थे।

पुलिस ने आरोपियों से करोड़ों रुपए का सामान व नकदी बरामद की है। आरोपियों की पहचान अनिल जैन पुत्र जवाहर जैन, निवासी बावा कॉलोनी हैबोवाल मास्टरमाइंड है। आरोपी के पास कई लग्जरी कारें होने का पता पुलिस को चला है। कर्मजीत कौर पुत्री बलवीर सिंह, निवासी अहमदगढ़ (लोगों को एप डाउनलोड करने का सुझाव देती), सन्नी कुमार पुत्र सैन दास, निवासी लक्ष्मी नगर हैबोवाल के रुप मे हुई है। मास्टरमाइंड का भाई आरोपी जतिन जैन पुत्र जवाहर जैन और गगनदीप पुत्र अमरजीत सिंह, निवासी दाद की गिरफ्तारी होनी बाकी है।

आरोपी लोगों से संपर्क कर उन्हें एप्प (VTrade App) में पैसे लगाने के लालच देते थे। आॅनलाइन व्यापार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए लोगों को आकर्षित करते थे। लोगों के मोबाइल पर (V Trade App) एप्प का लिंक भेजते थे और एक आई.डी और पासवर्ड भी देते थे। एप को डाउनलोड करने के लिए जो लिंक भेजा जाता था वह लोगों के बैंक खातों के साथ जुड़ा होता था। आरोपी धोखाधड़ी की नीयत के चलते आई.डी और पासवर्ड देने से पहले पीड़ित से दो चैक सभी मांगते थे। फिर पीड़ित से नकदी प्राप्त की जाती है और बराबर के डमी आंकड़े एप्प में दिखाए जाते है।

पुलिस ने पड़ताल में पाया कि बीएम असल में किसी भी एक्सचेंज से कोई व्यापार नहीं करता है। पीड़ित को भरोसा दिलाया जाता था कि वह एप्प जरिए व्यापार करके अच्छी कमाई कर रहे है। जब ग्राहक (Customer) अपनी रिटर्न की मांग करता है तो आरोपियों द्वारा उसे उसकी आई.डी. और पासवर्ड बदल दिया जाता है और बाद में ग्राहक को ओर पैसे देने के लिए ब्लेकमेल किया जाता है। यहां तक की ग्राहक यो भी कहा जाता है कि वह पैसे नहीं देगा तो उसका चैक उसके खिलाफ इस्तेमाल करेंगे।

महानगर की साइबर सेल ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि वी-ट्रेड सेल मनोरंजन की श्रेणी में आता है और सिखलाई के उद्देश्य से विद्यार्थियों के लिए बना है। पीड़ितों से ज्यादातर भुगतान नकदी में लिया गया है। आरोपियों की पीड़ितों के साथ चैटिंग भी पुलिस ने कब्जे में ले ली है। आरोपियों के बैंक खातों को पुलिस ने फ्रीज करके 30.80 लाख रुपए, बीआरडीएच में 40.62, 5 लैपटाप, 6 डेस्कटॉप, 7 मोबाइल, सोने और हीरे की 62 वस्तुएं, करोड़ों रुपए के कीमती 135 चैक, एक मर्सीडिज और सियाज कार, पैसे गिनने वाली 2 मशीनें व अन्य सामान बरामद हुआ है।