पहला हाइब्रिड रॉकेट मिशन लॉन्च

चेन्नई (एजेंसी)। देश के पहले हाईब्रिड रॉकेट मिशन का रविवार को यहां सफल प्रक्षेपण किया गया । इसमें दोबारा इस्तेमाल होने वाली प्रक्षेपण यान तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएलवी) मिशन-2023 नाम से किये गये इस प्रक्षेपण में, रॉकेट 150 पीआईसीओ उपग्रहों को ले गया है जिन्हें देश भर के छह से 12 वीं कक्षा तक के 5,000 छात्रों द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। मार्टिन फाउंडेशन ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन (एकेआईएफ) और स्पेस जोन इंडिया के साथ मिलकर यह मिशन किया है। उपग्रहों को साउंडिंग रॉकेट का उपयोग करके भी प्रक्षेपित किया गया।

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इन उपग्रहों को दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा

साउंडिंग उपग्रहों के प्रक्षेपण की सुविधा केलमबक्ककम उपनगरीय इलाके के पट्टीपुलम में है और इस जगह से हाइब्रिड रॉकेश के नाम से भी जाने जाने वाली साउंडिग रॉकेट का प्रक्षेपण किया गया है। एकेआईएफ की स्थापना दिवंगत राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कलाम के पौत्रों ने की थी । स्पेस जोन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ डॉ. आनंद मेगालिंगम ने बताया कि रॉकेट लगभग 5-6 किमी की ऊंचाई तक उड़ गया और उसके बाद समुद्र में गिर गया।

पूरा मिशन साढ़े आठ मिनट तक चला । इस दौरान हर सेकेंड का डाटा उपग्रह द्वारा रिकॉर्ड कर लिया गया। उपग्रहों की सुरक्षित लैंडिग के लिए पैराशूट की मदद ली गयी और उतरने के बाद सभी उपग्रह बरामद किए गए और सभी उनसे डेटा एकत्र किया जाएगा । इन उपग्रहों को दोबारा इस्तेमाल किया जायेगा।

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