किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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 नहीं मिला किसानों को अतिरिक्त पानी

  • भाजपा नेत्री बैलाण ने सुनी किसानों की पीड़ा

अनूपगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। शाखा की पी वितरिका क्षतिग्रस्त होने के कारण पतरोड़ा क्षेत्र के किसानों के लिए चिंता के साथ-साथ परेशानी का कारण बनी हुई है। गत दिनों पानी के तेज बहाव के कारण इस नहर के पटड़े में दो स्थानों पर कटाव आया था, जिसे किसानों ने अथक प्रयास करके बांध दिया था, लेकिन इस वितरिका की स्थिति कमजोर पटड़ों के कारण दयनीय बनी हुई है।

नहर के 2 बार टूटने के कारण प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा उक्त वितरिका के किसानों को पानी की बारियां पिटने के कारण 2 बारियां पानी अतिरिक्त दिलवाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक किसानों को नुकसान की भरपाई का पानी नहीं दिया गया। इस वितरिका में वरीयताक्रम का आगामी पानी वीरवार को इस नहर में छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में पिछली बारियों के पिटने का नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं मिल पाएगी।

उक्त नहर की दयनीय स्थिति पर सिंचाई विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए पी माईनर क्षेत्र के किसानों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि इस नहर की मरम्मत लम्बे समय से नहीं की गई है, जिससे नहर के पटड़े, बैड तथा लाईनिंग आदि काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो चुकी है। विडम्बना का विषय है कि इस समस्या को लेकर पी वितरिका क्षेत्र के किसानों ने विधायक शिमला बावरी को भी अवगत करवाया था, लेकिन उन्होंने भी किसानों की पुकार को नहीं सुना और किसान अभी भी परेशानी झेलने को मजबूर हैं। इसलिए जर्जर हालत के कारण यह नहर बार-बार टूटती है।

क्या बोले किसान

परेशान किसान नरेन्द्र सिंह, शमशेर सिंह, गुरसेवक सिंह, मंजीत सिंह, दलजीत सिंह, हरजीत सिंह, बलविन्द्र सिंह, गुरशरण मान सहित अन्य किसानों ने भाजपा युवा की प्रदेश मंत्री प्रियंका बैलाण नागपाल को आज मौके पर बुलाया और नहर की स्थिति दिखाई। पीड़ित किसानों ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा एच व पी वितरिका कि सुध बार-बार अवगत करवाए जाने के बावजूद भी नहीं ली जा रही।

अधिकारियों ने दिया आश्वासन

समस्या को गंभीरता से लेते हुए भाजपा नेत्री बैलाण ने मौके से ही सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से दूरभाष पर किसानों कि समस्या से अवगत करवाया और समस्या के समाधान हेतु कहा, जिस पर मुख्य अभियंता ने अतिशीघ्र पी वितरिका क्षेत्र का निरीक्षण करके समाधान करवाने का आश्वासन दिया। वहीं बैलाण ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे अपने स्तर पर इस समस्या को राज्य सरकार के समक्ष उठाकर समाधान करवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पीड़ित किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

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