जब डॉक्टरों और सेवादारों पर पूज्य गुरु जी ने किए वचन

Online Spiritual Discourse

बरनावा। सच्चे दाता रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों साध-संगत के हृदयों में निवास करते हैं। आपजी का हर कदम इन्सानियत के भले को समर्पित रहता है। पूज्य गुरु जी ने रूहानी सत्संगों के दौरान साध-संगत के सवालों के जवाब दिए।
सवाल: कुछ डॉक्टरों का सवाल है कि गुरु जी, आप जी ने जो सायं 7 से 9 ‘डिजिटल फास्टिंग’ प्रण करवाया है, तो क्या सेवादार जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सेवा कर रहे हैं, कर सकते हैं और कुछ डॉक्टर्स को एमरजेंसी कॉल लेनी होती हैं और मैसेज लेने होते हैं। तो क्या वो कर सकते हैं?
जवाब: डॉक्टर साहिबानों को अगर एमरजेंसी कॉल लेनी होती है तो, सिर्फ एमरजेंसी कॉल ही लेनी हैं। उसके बहाने कुछ और नहीं लेना है। ये ध्यान रखें और जिनकी ड्यूटी है वो अगर उस टाइम में करते हैं तो कोई बात नहीं वो ड्यूटी करें। टाइमिंग आगे पीछे कर सकते हैं। ताकि परिवार को टाइम दिया जा सके।

सवाल: अगर गलती मन करता है तो सजा आत्मा को क्यों भोगनी पड़ती है?
जवाब: क्योंकि मन से कई गुणा ज्यादा पावरफुल है आत्मा। और जब आप आत्मा की आवाज नहीं सुनते तो खामियाजा आत्मा को भुगतना पड़ता है। गलत मन करता है, आप करते हैं, लेकिन सजा तो आत्मा को मिलती है क्योंकि वो ऐसी ताकत, ऐसी शक्ति है जो कभी मर नहीं सकती, पर सजा भोगनी पड़ती है, इसलिए आप सुमिरन करें, आत्मा की आवाज सुनें, तो मालिक रहमत करेंगे। और फिर आत्मा ये सब भोग ही नहीं पाएगी।
सवाल: आज कल फ्लेवर हुक्का का बहुत ज्यादा प्रचलन है, नौजवान इसका बहुत ज्यादा सेवन करते हैं, क्या ये गलत है?
जवाब: हमें तो पता नहीं, फ्लेवर हो, अगर उसमें तम्बाकू है, तो गलत ही गलत है और उसमें से धुंआ निकालने से मिलेगा क्या? धुंआ कुछ भी जाता है, लेकिन कैमिकल तो होगा ही, वो फ्लेवर ये तो है नहीं कि नेचूरल है, उसमें कुछ कैमिकल होंगे, और वो धुंआ अगर फेफड़ों में जाता है तो वो फायदा करने से तो रहा, हमें तो लगता नहीं करनी चाहिये ये सब चीजें।

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