पंचकूला हिंसा पर न्यायिक आयोग गठित करने की मांग

Judicial Commission, Panchkula Violence, Advocate, Momin Malik, Dera Sacha Sauda

हिंसा के बाद प्रदेश के हालात सामान्य नहीं, डेरा समर्थकों
में भय का माहौल: मोमिन मलिक

  • झूठे मुकद्दमों में शामिल कर पुलिस कर रही प्रताड़ित

चंडीगढ़। प्रसिद्ध वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता मोमिन मलिक ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी ढी.एस. ढेसी को पत्र लिख कर 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा की न्यायायिक जांच ज्यूडिशियल कमिशन बनाकर की जाए। मलिक ने मांग की है कि न्यायायिक जांच दल में समाज सेवकों, विधि जानकारों, डॉक्टरों व हर धर्म के प्रतिनिधियों का शामिल किया जाए।

अपने मांग पत्र में मोमिन ने आगे कहा कि सरकार 25 अगस्त 2017 को हिंसा के दौरान मारे गए एव घायल हुए लोगों की सूची को सार्वजनिक करे। वहीं इस हिंसा के दौरान गिरफ्तारियों की सूची भी सार्वजनिक की जाए। मलिक ने आगे मांग की है कि हिंसा के दौरान जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें सही व सरकारी खर्च पर उचित इलाज मुहैया करवाया जाए।

बेकसूर लोगों की प्रताड़ना न हो

मलिक ने अपने पत्र में मांग की है कि बेकसूर श्रद्धालु को मुकद्दमों में झूठा न फंसाया जाएग तथा उनके बीच से डर व भय की स्थिति को समाप्त किया जाए। उन्हें नाजायज तंग न किया जाए।

अगर किसी प्रकार की पूछताछ करनी है तो उन्हें अपने वकीलों को साथ लाकर पूछताछ में सहयोग करने की इजाजत दी जाए। मलिक ने कहा है कि जो लोग इस हिंसा के दौरान पकड़े गए हैं या उन पर आरोप हैं, उनमें से जो लोग वकीलों की फीस नहीं दे सकते तो उन्हें कानूनी सहायता नि:शुल्क मुहैया करवाई जाए।

नामचर्चा में न हो कोई बाधा

मलिक ने अपने मांग पत्र में कहा है कि प्रदेश में सामान्य लोगों में डर के माहौल को समाप्त किया जाए तथा डेरा श्रद्धालु जो एवं नामचर्चा करना चाहते हैं, उन्हें नामचर्चा करने दी जाए तथा किसी प्रकार का अवरुद्ध या रोक-टोक करके नाजायज तं न किया जाए, अगर उन्हें रोका जाता है तो वह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है और ऐसा किया जाना उचित नहीं है।

 

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।