जीएसटी : सड़कों पर उतरे कपड़ा व्यापारी

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मांगों संबंधी तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

  • सरकार के खिलाफ रोष मार्च निकाल की नारेबाजी
  • संघर्ष को तीव्र करने की दी चेतावनी

जलालाबाद (रजनीश रवि)। जीएसटी टैक्स के विरोध में वीरवार को रीटेल कपड़ा यूनियन जलालाबाद द्वारा मुकम्मल हड़ताल की गई। इस हड़ताल के दौरान समस्त कपड़े का कारोबार करने वाले व्यापारियों द्वारा

अपनी दुकानों को बंद रखा और सबसे पहले यह व्यापारी स्थानीय श्री कृष्णा मंदिर में एकत्रित होने के बाद शहर के बाजारों में से रोष मार्च निकालते हुए स्थानीय तहसील परिसर में पहुंचे,

यहां पर कुछ समय के लिए रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शनकारियों द्वारा तहसीलदार अशोक कुमार को मांग पत्र सौपा गया। इस मौके पर कपड़ा व्यापारी यूनियन जलालाबाद के अध्यक्ष दर्शन लाल अनेजा ने बताया कि कपड़ा व्यापारी जीएसटीर का विरोध करेंगे व जरूरत पड़ने पर संघर्ष को ओर तेज किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सेल टैक्स, वेट टैक्स या सर्विस टैक्स फ्री रहा है और आज इसको जीएसटी कानून के अंतगर्त ट्रांसऐबल किया जा रहा है। इस मौके पर कपड़ा व्यापारी युनियन के उपाध्यक्ष रवि मिड्डा, सचिव सुरेन्द्र बजाज,

सदस्य सुभाष, गोल्डी, रवि, कपिल, नन्नू, रमन, पप्पू, कोमल, सतपाल, अमी चंद, जसपाल सिंह, संजीव सिंह, हंस राज सहित भारी तदाद में स्थानीय शहर के कपड़ा व्यापारी उपस्थित थे। इस धरने में मंडी पंजेके के कपड़ा व्यापारियों ने भी जलालाबाद में आकर प्रदर्शन में शामिल हुए।

कपड़े को जीएसी के दायरे से बाहर करने की मांग

उन्होंने मांग की है कि कपड़े को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए और जीएसटी टैक्स मुक्त किया जाए ताकि कपड़े का प्रयोग करने वाले गरीब लोगों पर इस टैक्स का बोझ ना पड़े क्योंकि कपड़ा खरीदने में सबसे अधिक मार गरीब लोगों पर ही पड़नी है। इस प्रदर्शन के दौरान कपड़ा व्यापारियों की ओर से जमकर रोष व्यक्त करते हुए नारेबाजी की गई।

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