खटारा स्कूली बसों व वैनों की अब शामत

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सख्ती। सड़क पर चलती मिली कंडम बसें या आटो तो ब्रेक लगाऐगी पुलिस

  • जिला पुलिस ने सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी को सख्ती से लागू करने के दिए निर्देश

बठिंडा(अशोक वर्मा)। बठिंडा ट्रैफिक पुलिस ने अब खटारा स्कूल बसों , वैनों और बिना किसी कागज पत्र के शहर की सड़कों पर धूल उठा रहे आॅटो चालकों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। जिला पुलिस ने सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब जो भी कोई बस या वैन नियमों के उलट सड़कों पर दौड़ती नजर आई तो मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। देखने में आया थी कि माता-पिता से मोटी फीसें वसूल कर विद्यार्थियों को शिक्षा के सुनहरे सपने दिखाने वाले जिले के काफी प्राईवेट स्कूलों द्वारा बच्चों को लाने व घर छोड़ कर आने के लिए चलाए जा रहे वाहन मापदण्डों पर खरे नहीं उतरते हैं।

बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़

ऐसी रिपोर्टों के मद्देनजर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे, जिनका उद्ेदश्य बेनियमियों को खत्म करना था। इस के उलट पुलिस प्रशासन व ढ़ीले रवैये पर वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाइ से पक्ष बदलने के कारण यह सेवा बच्चों के लिए परेशानी का संयोग बनी हुई थी अब पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सड़कों पर ऐसे वाहनों को चलने नहीं दिया जाएगा, जिनमें भरे जाते बच्चों पर हर समय पर मौत का साया मंडराता रहता है।

हाईकोर्ट के आदेशों मुताबिक हर बस में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। लड़कियों वाली बस में महिला कंडक्टर भी लाजिमी करार दिया हुआ है इसके बिना अन्य भी कई शर्तें लागू की गई हैं, जिनकी पालना यकीनी बनाने के लिए कहा गया है। इस तरह ही ट्रांसपोर्ट विभाग के नियमों मुताबिक स्कूल बस आगे रूट नंबर व गांव का नाम लिखा होना चाहिए। चालक के लिए वर्दी व कमीज पर नाम वाली प्लेट व वाहनों का रंग पीला जरूरी किया गया है।

नियमों का उल्लंघन करने वाले अपराध के भागीदार: एसपी

एसपी टैÑफिक गुरमीत सिंह का कहना था कि यदि कोई स्कूल बस का मालिक या चालक कैमरे नहीं लगाता, गाड़ी की हालत खस्ता हुई और चालक के साथ हैल्पर न हुआ तो वह मोटर वहीकल एक्ट के अंतर्गत अपराध का भागीदार होगा। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए व समझाया भी है परंतु फिर भी नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाहीयों के कारण आटो, बसों व वैनें बच्चों के लिए खतरा बनीं हुई हैं, जिनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

पहलकदमी सराहनीय जिसे जारी रखने की जरूरत: शर्मा

पेरैंटस एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरविन्दर शर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन की पहलकदमी सराहनीय है परंतु इसे लगातार जारी रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर पुलिस कुछ दिन मुहिम चलाती है जो बाद में ठप्प हो जाती है, जिसके निष्कर्ष के तौर पर कानून तोड़ने वालों के हौसले बढ़ जाते हैं। बस में फस्ट एड बॉक्स व आग बुझाओ यंत्र भी होने चाहिए। इसी तरह ही पंजाब सरकार ने कई वर्ष पहले स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी किया था अदालती आदेशों पर सरकारी निदेर्शों में से बठिंडा जिले में इन नियमों की पालना नहीं हो रही है। विशेष तथ्य है कि प्रसिद्ध स्कूलों में भी देखने को मिल रहा है

प्राईवेट स्कूलों द्वारा बच्चों को घर छोड़ने व लाने में अभिभावकों से वसूली जा रही मोटी फीसें

‘सच-कहूँ संवाददाता’ द्वारा लिए जायजे मुताबिक जो आटो केवल 4-5 सवारियों के लिए प्रवहनित है उसमें 10 से 12 बच्चे बैठे देखने को मिले इसी तरह ही सिर्फ सात सीटों वाली वैन में 12 से 15 व 50 सीटों वाली बस में 60 से 70 तक बच्चे प्रतिदिन सफर कर रहे हैं। कुछ बसों में तो बच्चों को लटकते भी देखा जा सकता है व कई खड़े होकर मंजिल तय करते हैं जबकि पैसों की वसूली एक ही जितनी ही की जाती है इस तरह ही बच्चों को लाने में इस्तेमाल किए जा रहे तिपहिया वाहनों में भी सामर्थ्य की अपेक्षा अधिक बच्चे बिठाकर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बठिंडा व जिले के गांवों में से बच्चों को रोजमर्रा की स्कूलों में लाने व वापिस घर छोड़ने के लिए प्राईवेट स्कूलों ने अपने-अपने ढंगों के साथ ट्रांसपोर्ट सेवा शुरू की हुई है इसके एवज में माता-पिता से अच्छी काफी फीस हर माह वसूली जाती है। हालांकि कहा जाता है कि यह सेवा उत्तम दर्जे की होगी परन्तु सड़कों पर खटारा वैनें व पुराने हो चुके आटो व मिन्नी बसें सुबह व छुट्टी के बाद अपनी कहानी खुद बयान करती देखी जा सकती हैं।

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