‘मीरा’ के बहाने एकजुटता का प्रयास

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राष्ट्रपति चुनाव : 2019 लोस चुनाव को लेकर विपक्ष को जोड़ने के प्रयास में कांग्रेस

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में आंकड़ों और संख्याबल के मुताबिक राजग उम्मीदवार राम नाथ कोविंद की जीत को लेकर कोई शक नहीं है, लेकिन कांग्रेस नेता मीरा कुमार के मैदान में आने के बाद राष्ट्रपति चुनाव की लड़ाई दिलचस्प हो गई है जहां भाजपा की रणनीति के खिलाफ सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की एकजुटता को साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक द्वारा कोविंद को दिए समर्थन से विपक्ष में पड़ी फूट को भाजपा आने वाले समय के लिए संतोषजन मान रही और विपक्ष के फैसले के तुरंत बाद पार्टी के प्रवक्ताओं ने उनकी एकजुटता पर निशाना भी साधा है।

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने से कहा कि तीन साल से विपक्ष बात-बात पर एकजुटता दिखाता रहा, लेकिन बार-बार वो बिखरता रहा। इस बार भी विपक्ष में जुटे लोग अपने स्वार्थ की वजह से साथ हैं जो जल्द ही फिर अलग दिखेंगे।

भाजपा अपनी जीत के लिए आश्वस्त है इसलिए कोविंद के सामने किसी भी विरोधी के मैदान में उतरने से उसे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इसके बहाने सपा, बसपा, लालू और शरद पवार का कांग्रेस के साथ आकर एकजुटता प्रदर्शित करना आने वाले समय खासकर 2019 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में चुनौती का संकेत जरूर है।

हालांकि भाजपा नीतीश और पटनायक की ओर से कोविंद को समर्थन दिए जाने को सकारात्मक संकेत मान रही है। भाजपा नीत राजग ने 20 जून को रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था।

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