500 का नोट है नहीं, 2000 का कहां से लाएं !

Two Thousand Note

आमलोगों ने कहा : अक्सर नहीं करते दो हजार रूपये के नोट का प्रयोग

  • दो हजार के नोट बदलवाने को लेकर नहीं दिखी कही भी मारामारी, लोगों का जीवन सामान्य 

भिवानी (इन्द्रवेश/सच कहूँ)। 500 का नोट है नहीं, 2000 का कहां से लाएं ! आमजन का यही कहना था, उन्होंने कहा कि दो हजार रूपये का नोट उद्योगपतियों व अधिक आर्थिक क्षमता वाले लोगों के लिए प्रयोग की चीज थी। आमजन के पास इतने बड़े नोट का क्या काम। महीने भर की सैलरी तो सैलरी मिलने से पहले ही खत्म हो जाती है ऐसे में Two Thousand Note का पास होना कैसे मुनासिब है। आमजन इसका प्रयोग ना के बराबर कर रहे थे। ऐसे में दो हजार रूपये के नोट को बंद किए जाने का उन पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भिवानी जिला के विभिन्न बैंकों में दो हजार रूपये के नोट को बदलवाने को लेकर भी कोई गहमागहमी नजर नहीं आई।

वर्ष 2016 में Two Thousand Note को आरबीआई के कानून की 1934 की धारा 24(1) के तहत इसीलिए जारी किया गया था कि उस समय बाजार में 500 व एक हजार रूपये के नोट को नोटबंदी के तहत वापिस लिया गया था तथा उस पर पडऩे वाले असर को कम किया जा सके। 90 प्रतिशत के लगभग दो हजार रूपये के नोट वर्ष 2017 से पहले के जारी किए हुए हैं। दो हजार रूपये का नोट मार्केट में लाए जाने का उद्देश्य पूर्ण होने के बाद अब आरबीआई ने इसे वापिस लेते हुए 30 सितंबर तक इसे बैंकों में वापिस जमा करवाने का सरकुलर जारी किया है।

दुनिया के विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नहीं है बड़े नोटों का प्रचलन : चार्टेड अकाऊटेंट

भिवानी के चार्टेड अकाऊंटेंट पुनीत मेहता ने बताया कि दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले जितने भी देश हैं, उनमें बड़े नोट प्रचलन में नहीं हैं। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतर कदम भी है। Two Thousand Note को वापिस लेने से 2016 में ली गई नोटबंदी का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो पाएगा। उन्होंने कहा कि दो हजार के नोट को वापिस लेने के लिए वे देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर मानते हैं तथा इस फैसले का स्वागत करते हैं। वहीं भिवानी निवासी सुरेंद्र, पुरूषोत्तम, जितेंद्र, मुकेश व रवि ने बताया कि आमजन दो हजार रूपये के नोट का प्रयोग ना के बराबर करते हैं। ऐसे में इसके बंद किए जाने का उनके जनजीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।

उन्हें नहीं लगता कि 2016 की जगह नोटबंदी के समय जो भीड़ बैंकों में हुई थी, वैसी ही भीड़ अब बैंकों में होगी, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने Two Thousand Note को वापिस लेने के लिए चार महीने से अधिक का समय दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत कम संख्या में नागरिक दो हजार के नोट को अपने पास रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज का दौर ऑनलाईन माध्यम से लेन-देन का हो गया है। ऐेसे में दो हजार के नोट का औचित्य कम ही नजर आता है।