अपने बुजुर्गों की बेइज्जती न करें बच्चे: Saint Dr. MSG

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बरनावा आश्रम में फरमाया कि बच्चों को चाहिये कि वो अपने बुजुर्गों की ऐसी बेइज्जती न करें, उन्हें अनाथ आश्रम मत भेजिये, उन्हें अनाथ मत बनाइये। आप जीते जी ऐसा करते हैं तो आपके साथ जब आपके बच्चे करेंगे तब क्या हाल होगा। तो बहुत जरूरी है आज के समय में अपने बुजुर्गों का सम्मान करना। क्योकिं आप उनका खून हैं, बहुत जरूरी है आप इज्जत के साथ उनको अपने साथ रखें, उनसे प्यार करें ताकि आपका जीवन भी सुखमय हो और उनका जीवन भी सुखमय हो। जरा सोच कर देखिये कब से उन्होंने आपको बड़ा किया, कितने सपने जोडे होंगे आपके साथ। हमारे समय में हम लोग अपने मां-बाप से कभी नहीं पूछा करते थे कि क्या आप कर रहे हो, क्या काम हो रहा है, कितना पैसा कमा लिया आपने, बस ये होता था कि हमें जो चाहिये वो ले लिया बस।

Welcome The Brightness Of Old Age

लेकिन आज का दौर ऐसा आ गया है कि जीते जी लोग अपने मां-बाप मार देते हैं। उन्हें तो बस पैसा चाहिये, वो पगला जाते हैं हद से ज्यादा और उस पागलपन में ये अपने मां-बाप को भी अपने घर से निकाल देते हैं। और जो वृद्ध आश्रम बनाएं जाते हैं उनमें भेजना आसान होता है। तो आप सब से प्रार्थना है आप जरूर ‘अनाथ वृद्ध आश्रम’ जरूर लिखें। फार्म पर भी जो सार्इंन करवाएं, उस पर लिखा हो ये अनाथ हैं, इनका कोई नहीं है। वैसे तो ऐसी नौबत ही नहीं आनी चाहिये हमारी संस्कृति में, क्योंकि आगे से आगे पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। बच्चे को मां-बाप संभालते हैं और जब मां-बाप बुजुर्ग हो जाते हैं तो उनको बच्चे संभालते आएं हैं। इसलिए हमारी संस्कृति पूरी दुनिया में अव्वल है।

Old Age

पर आज इसे आप डूबोने में लगे हैं। नशों की वजह से, पैसों की वजह से, लोभ-लालच की वजह से। तो प्यारी साध-संगत जी, हम आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि बुजुर्गों से बच्चों से आपस में तालमेल बना कर चलिये। किसी का गलत न करें, किसी के बहकावे में न आएं बल्कि अपने बुजुर्गों का साथ दीजिये वो आपके हैं। आप उनका खून हैं। कभी भी उन्हें वृद्ध आश्रम न भेजो। हम मालिक से दुआ करते हैं, प्रार्थना करते हैं कि वो आपकी झोलियां खुशियों से जरूर भरें।

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