भारत-बांग्लादेश की आर्थिक विकास दर तुलना
हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की जीडीपी में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट का अनुमान लगाया, जबकि कुछ माह पूर्व आईएमएफ ने 4.5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था। जिस बात ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है, वह है बांग्लादेश की प्रति व्यक्...
उदासीनता से उमड़ी नई कोरोना एवं प्रदूषण लहर
कोरोनारूपी महामारी एवं महाप्रकोप से जुड़ी हर मुश्किल घड़ी का सामना हमने भले ही मुस्कुराते हुए किया, लेकिन जाता हुआ कोरोना अधिक रूला रहा है, अधिक दुर्गम सार्वजनिक चुनौती बन रहा है। कोरोना को लेकर सरकारी घोषणा एवं आकलन भी चुनावी घोषणा पत्र की तरह लगने लग...
शांति स्थापना के आधे-अधूरे प्रयास
पिछले एक माह से युद्ध की आग में झुलस रहे आमेर्निया और अजरबैजान के बीच शांति समझौते के प्रयास बार-बार असफल हो रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में दोनों देशों के बीच दो बार युद्ध विराम का समझौता हुआ, लेकिन दोनों ही बार आमेर्निया और अजरबैजान युद्ध विराम की दिश...
जितने कड़वे बोल उतना अच्छा
लोकतंत्र हितों का टकराव है जो इस तीखे, धुंआधार चुनावी मौसम में सिद्धांतों के टकराव का रूप लेता जा रहा है। इस चुनावी मौसम में हमारे नेताओं द्वारा झूठ और विषवमन, गाली गलौच, कड़वे बोल देखने सुनने को मिल रहे हैं और पिछले एक पखवाड़े से हम यह सब कुछ देख रहे...
शासन, सुशासन और सिटिजन चार्टर
भारत में कई वर्षों से आर्थिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई। इसके साथ ही साक्षरता दर में पर्याप्त वृद्धि हुई और लोगों में अधिकारों के प्रति जागरूकता आयी। नागरिक और अधिकार और अधिक मुखर हो गये तथा प्रशासन को जवाबदेह बनाने में अपनी भूमिका भी ...
स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण को रोकने को लेकर भारत को अपने पड़ोसी देश चीन से सीखना चाहिए, जहाँ 2015 में लाया गया पर्यावरण संरक्षण कानून अल्पकालिक लक्ष्यों के साथ पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार और विनियमन सुनिश्चित करने हेतु एक प्रभावकारी भूमिका निभा रहा है। चीन ने उत...
आबादी घटने के भयावह संकेत
भारतीय आबादी के सिलसिले में नमूना पंजीकरण प्रणाली एसआरएस की सांख्यिकीय रिपोर्ट-2018 ने देश में आबादी घटने के भयावह संकेत दिए हैं। इस सर्वेक्षण के आधार पर 2018 में एक मां की उसके जीवन काल में प्रजनन दर 2.2 आंकी गई, लेकिन इस दर में गिरावट के चलते वह दि...
अपराधी बने नेता: पार्टियां दे रही सुपारी
हम छोटे-मोटे चोरों को फांसी की सजा दे देते हैं और बडे अपराधियों को सार्वजनिक पदों के लिए चुन लेते हैं। यह तथ्य भारत की कटु सच्चाई को उजागर करता है। एक सांसद और विधायक का बिल्ला माफिया डॉनों, कातिलों और अपराधियों के लिए एक रक्षा कवच का कार्य करता है त...
पराली का छग मॉडल बदलेगा किसानों की किस्मत
पराली को लेकर आधे अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी के शुरू तक बेहद हो हल्ला होता है। व्यापक स्तर पर चिंता की जाती है, किसानों पर दंड की कार्रवाई की जाती है। बावजूद इसके समस्या जस की तस है। सच तो यह है कि जिस पराली को बोझ समझा जाता है वह बहुत बड़ा वरदान है। ...
मेक अमेरिका ग्रेट अगेन नारे पर सवार ट्रंप
अरविंद जयतिलक ट्रंप सरकार ने एक कर कटौती पारित भी की लेकिन उसका सर्वाधिक फायदा धनिकों को मिला। ट्रंप ने नैतिक मूल्यों की दुहाई देते हुए प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया था। वाशिंगटन डीसी में फैले भ्...
जातीय संघर्ष: मैं दलित हूं तुम कौन हो?
हमारे राजनेताओं द्वारा लगभग तीन दशक पूर्व जातिवाद के जिस जिन्न को पिटारे से खोला गया था वह उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में फिर से अपने जहरीले फन फैलाने लगा है और इसका केन्द्र में भाजपा पर क्या प्रभाव पडेगा। उत्तर प्रदेश में पहले ही इस जातिवाद ...
फारुक के सुरों में देशद्रोह की बू
भारत माता की जय बोलने वाले डॉ. फारुक अब्दुल्ला की जुबां अब शोले उगल रही है। स्वर एकदम देशद्रोह सरीखे हैं। भाव-भंगिमाएं तनी हैं। चेहरा तमतमाया हुआ है। कश्मीरियों के कंधे पर एके-47 रखकर असंवैधानिक और गरिमाहीन शब्दों की दनादन फायरिंग कर रहे हैं। कश्मीर ...
गेम चेंजर बनेगी स्वामित्व योजना ?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्ती योजनाओं की श्रृखंला में एक और योजना शामिल हो गई। यह योजना है स्वामित्व योजना। मोदी काल में पहले से ही कई योजनाएं चल रही हैं जिनमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत योजना और जन-धन योजना शामिल हैं।
इस योजना की घोषणा करते...
सियासत चमकाओ अभियान बना किसान आंदोलन
किसान आन्दोलन के नाम पर विपक्ष खासकर कांग्रेस अपनी सियासत चमकाने में लगी है। पंजाब में चूंकि कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में राहुल गांधी सोफा लगाकर ट्रैक्टर रैली निकालने से लेकर भाषणबाजी कर रहे हैं। लेकिन किसान आन्दोलन की तपिश पंजाब के अलावा थोड़ी बहुत ...
जागरूकता से ही रूकेंगी पराली जलाने की घटनाएं
पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश भर में धान की पराली कहीं भी नहीं जलाई जाती। पश्चिम उत्तर प्रदेश में तो अधिकांश धान हाथ से काटा जाता है और फिर हाथ से ही झाड़ कर निकाला जाता है। हाथ से काटने और झाड़ने में एक तो कोई प्रदूषण नहीं होता, डीजल का खर्चा बचता है ...