जीवन-संकटों के बीच उजालों की खोज
मनुष्य जीवन में गैर-जिम्मेदारी एवं लापरवाही की इतनी बड़ी-बड़ी चट्टानें पड़ी हुई हैं, जो मनुष्य-मनुष्य के बीच व्यवधान पैदा कर रही हैं। संकल्प, संयम एवं समर्पण के हाथ इतने मजबूत हैं कि उन चट्टानों को हटाकर आदमी को आदमी से मिला सकता है, जीवन की संभावनाओं को पंख लगा सकता है।
कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन का करो दिल से पालन
देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से और खुद को व अन्य सभी लोगों को बचाने के लिए आराम से घर में रहकर भीड़-भाड़ से बचाव ही इसका एक मात्र सबसे कारगर उपचार है, इस समय सरकार के द्वारा जारी किसी भी एडवाईजरी की अनदेखी करना हम सभी देशवासियों को बहुत भारी पड़ सकता है।
मैनुअल स्कैवेंजिंग पर अब तो लगे रोक
वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 'सफाई कर्मचारी आंदोलन बनाम भारत सरकार' मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सरकार को 1993 से लेकर अब तक सीवर में दम घुटने की वजह से मरे लोगों और उनके परिवारों की पहचान करके हरेक परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा था।
हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली…
23 मार्च, शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 89वीं पुण्यतिथि पर विशेष
जेल जीवन के अपने दो वर्षों में भगत सिंह ने खूब अध्ययन, मनन, चिंतन व लेखन किया। जेल के अंदर से ही उन्होंने क्रांतिकारी आंदोलन को बचाए रखा और उसे विचारधारात्मक स्पष्टता प्रदान की। भगत सिंह सि...
जल की शुद्धता और उपलब्धता का संकट
आंकड़ों के मुताबिक 200 मीटर की गहराई पर मौजूद भूजल का बड़ा हिस्सा दूषित हो चुका है वहीं 23 प्रतिशत भूजल अत्यधिक खारा है। जिस तेज गति से भूजल दूषित हो रहा है उसी का नतीजा है कि डायरिया, उल्टी, खून वाली उल्टियां, पेशाब में खून आना, बाल गिरना, फेफड़े, त्वचा, किडनी और लिवर और पेट दर्द से जुड़़ी बीमारियां बढ़ रही है।
कैसा है देश का बुनियादी स्वास्थ्य ढ़ांचा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने संदेश में कह चुके हैं कि हमें कोरोना से घबराने की नहीं बल्कि साथ मिलकर काम करने और आत्मसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपाय करने की जरूरत है।
सरकार और पूर्व न्यायाधीश की मंशा पर सवाल ?
संविधान निमार्ताओं ने उच्च सदन में मनोनयन का प्रबंध इस पवित्र उद्देश्य से किया था कि ऐसे विषयों के विशेषज्ञों को राज्यसभा में भेजा जा सकता है, जो चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से इस सदन में नहीं पहुंच पाते हैं।
कोरोना से बेहतर तरीके से निपट रहा भारत
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस को ‘राष्ट्रीय आपदा’ अधिसूचित कर दिया है। यह राज्य सरकारों पर भी लागू होगा।
दंगाइयों की निजता क्या?
राज्य की कार्यवाही के विरुद्ध आप विरोध कर सकते हैं किंतु यह शांतिपूर्ण होना चाहिए और किसी भी व्यक्ति को निजता की आड में छिपने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
चीन की करतूत से दुनिया हो रही तबाह
चीन क्या ऐसा वायरस युद्धकाल में अपने दुश्मन देश की सेनाओं के खिलाफ प्रयोग करने के लिए तैयार कर रहा था? अभी तक सिर्फ अनुमान है कि चमगादड़, कुता या फिर बिल्ली के सड़े मास से यह वायरस उत्पन्न हुआ है। पर अभी तक चीन की ऐसी कोई प्रमाणिक स्वीकृति सामने नहीं आयी है।
राजनीतिक दृष्टि से मुकाबला करने की आवश्यकता
कोरोना वायरस के कारण एक सुनियोजित संकट पैदा हो सकता है जिसमें सप्लाई चेन बाधित होगी, वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट आएगी, तेल के मूल्यों को लेकर जंग छिड़ेगी और उपभोक्ता मांग में गिरावट आएगी।
कोरोना असर के चलते पानी से सस्ता हुआ तेल
तेल के इस खेल को नया रंग दे दिए जाने के कारण ही प्राइस-वार छिड़ने की उम्मीद है। पूरी दुनिया में कच्चा तेल वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की गतिशीलता का कारक माना जाता है।
कोरोना की दोहरी मार और भारत की अर्थव्यवस्था
विगत दो मार्च को आर्थिक सहयोग एवं वैश्विक संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना के प्रकोप से दुनिया में 2008 की वैश्विक मंदी जैसा दृश्य सामने आ रहा है।
शून्य लागत प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्रयासों एवं प्रयोगों से न केवल प्राकृतिक खेती एवं जीरो बजट खेती को बल मिल रहा है, भारतीय कृषि अनूठा एवं विलक्षण करते हुए भारत की अर्थ-व्यवस्था के लिये संबल बन रही है।
भूखमरी और कुपोषण: ठोस रणनीति बनानी होगी
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम, खाद्य एवं कृषि संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में लगभग 21 प्रतिशत बच्चों का वजन उनकी उम्र और लंबाई के हिसाब से कम है। भूख और कुपोषण का साम...