नौकरी के लिए अदालत पहुंचा बॉक्सर मनोज

 हाईकोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 29 अगस्त को

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। देश के लिए कई मैडल जीतने वाले बॉक्सर मनोज ने नौकरी के लिए अब अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है। रेलवे में सी ग्रेड की नौकरी करने वाले मनोज ने हरियाणा सरकार में नौकरी के लिए अपना दावा ठोका है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

बता दें कि लंबे समय से मुख्य सचिवालय में सरकार के मंत्रियों के पास नौकरी की अपील को लेकर धक्के खा रहे देश के होनहार बॉक्सर मनोज को जब सरकार से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने अदालत का रूख किया। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने मनोज की याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। मनोज इस समय रेलवे में सी श्रेणी के तहत नौकरी कर रहे हैं, और पिछले कई वर्षों से हरियाणा में नौकरी हासिल करना चाहते हैं। बाक्सर के कोच राजेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मनोज ने वर्ष 2010 में हुई कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान गोल्ड मैडल जीता था।

उसके बाद वर्ष 2012 व 2016 में भी ओलंपिक खेलों के दौरान उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। राजेश के अनुसार मनोज ने पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कुल 42 पदक जीते हैं। वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान गोल्ड मैडल जीतने वाले खिलाड़ियों को खेल नीति के तहत हरियाणा सरकार में डीएसपी के पद पर नियुक्तियां प्रदान की थी, लेकिन मनोज को वहां भी अवसर नहीं मिला।

मुख्यमंत्री, विधायकों एवं सांसदों को लगा चुका है गुहार

बॉक्सर मनोज वर्ष 2013 से बगैर किसी सरकारी मदद के कुरूक्षेत्र में बाक्सिंग अकादमी चला रहे हैं। मनोज के कोच ने बताया कि पिछले आठ वर्षों के दौरान वह चार सांसदों, दो मुख्यमंत्रियों, 8 मंत्रियों तथा 22 विधायकों को मिल चुके हैं। इसके बावजूद मनोज को आजतक सरकारी नौकरी नहीं मिली है। अर्जुन अवार्ड के समय भी मनोज के 32 अंक होते हुए भी 20 अंक वाले खिलाड़ी को मनोज के स्थान पर अर्जुन अवार्ड दे दिया गया।

सरकार की कमेटी तय करती है ‘नौकरी’

मुख्य सचिव ढीएस ढेसी की अध्यक्षता में सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी की सिफारिश करेगी। इस बाबत सरकार ने पिछले दिनों विज्ञापन जारी कर खिलाड़ियों से आवेदन मांगे हैं। उधर खेल मंत्री अनिल विज साफ कर चुके हैं नई खेल नीति के अनुसार ही खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी।

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