पटना: बारिश और नेपाल से आ रहे पानी की वजह से बिहार के 17 जिले में बाढ़ (Floods) से हालात खराब हैं। इसका सीधा असर 73 लाख लोगों पर हुआ है। पिछले 24 घंटों में 16 और लोगों की मौत हो गई। इससे मौत की तादाद बढ़कर 72 हो गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमों में करीब पौने तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एयर फोर्स के दो हेलिकॉप्टरों के जरिए प्रभावित इलाकों में खाने का पैकेट गिराया जा रहा है।
बिहार में अब तक 72 लोगों की मौत | Floods
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि बिहार (Floods) में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 14 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल और मधेपुरा में से सबसे अधिक 20 लोग अररिया में, सीतामढ़ी में 11, पश्चिमी चंपारण में 9, किशनगंज में 8, मधुबनी और पूर्णिया में 5—5, मधेपुरा और दरभंगा में 4—4, पूर्वी चंपारण में 3, शिवहर 2 और सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं 10 नदियां | Floods
- इस साल दस प्रमुख नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
- इनमें बागमती, कमला बलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा, कोसी, घाघरा और गंडक शामिल हैं।
- गंगा भी लाल निशान के करीब पहुंच चुकी है।
- इन नदियों केआसपास के इलाकों में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ से जूझते हैं और बड़ा नुकसान उठाते हैं।
- बिहार में सबसे लंबा तटबंध 780 किलोमीटर बूढ़ी गंडक पर है।
- जबकि सबसे छोटातटबंध किउल हरोहर पर 14 किलोमीटर का है।
राहत एवं बचाव कार्यों पर मुख्यमंत्री की नजर | Floods
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बाढ़ प्रभावित बेतिया एवं वाल्मीकिनगर का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर सके। वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी रख रहे है। साथ ही इसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक निर्देश देते रहे।
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