जंग का मैदान बना अस्पताल

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झगड़े के बाद घायलों के ईलाज के लिए पहुंचे दो पक्ष भिड़े

  • डॉक्टरों और स्टाफ ने भाग कर बचाई जान

नाभा(तरूण शर्मा)। शनिवार को नाभा के सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में उस समय हल्ला मच गया जब दो पक्षों की अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में जमकर लड़ाई हो गई। इस लड़ाई के चलते ड्यूटी पर मौजूद डाक्टरों और स्टाफ ने मौके से भाग कर अपनी जान बचाई।

जिक्रयोग है कि अस्पतालों की सुरक्षा के लिए बनाऐ कानून के बावजूद शरारती तत्व अस्पतालों में वारदातों को सरेआज अंजाम दे जाते हैं। इस प्रकार की घटित घटना के अनुसार दो पक्षों की आपसी लड़ाई के बाद इलाज के लिए नाभा के सिविल अस्पताल के ऐमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए पहुंचे जहां इन पक्षों की आपसी लड़ाई अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भी जारी रही।

जिस अनुसार एक पक्ष के सदस्य की ओर से अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड का शीशा तोड़ कर दूसरे पक्ष के साथी पर जानलेवा हमला कर दिया गया। घटना की सीसीटीवी कैमरोे में कैद हुई तस्वीरों के अनुसार एक ग्रुप अस्पताल के ही स्टूल को जानलेवा तरीके से दूसरे ग्रुप के सदस्यों पर मार रहे थे जिस कारण अस्पताल का एमरजेंसी वार्ड खून से भर गया। इस घटना मौके तैनात मेडिकल स्टाफ अपनी जान बचा कर मौके से भाग निकला।

जल्द पकड़े जाएंगे दोषी: एसआई

उपरोक्त घटना की पुष्टि करते हुए कोतवाली इंचार्ज एसआई करनैल सिंह ने कहा कि दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उनकी तलाश की जा रही। जल्द ही दोषी पुलिस की पकड़ में होंगे और उनको किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। किसी को भी कानून का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा।

क्या कहता है अस्पतालों की सुरक्षा का कानून

अस्पतालों की सुरक्षा के लिए बनाऐ गवर्नमैंट डाक्टर और अस्पताल सुरक्षा कानून 2008 के बावजूद अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध किए नजर नहीं आ रहे हैं जिस कारण प्रशासन और सरकार की कारगुजारी पर भी सवालिया निशान खड़े हो हो हैं। इस एक्ट के अनुसार किसी भी अस्पताल में तोड़फोड़ करना या गाली-गलौच करना जुर्म माना जाता है और इस लिए एक साल की कैद या 50 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है।

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