सेना पर भरोसा, वीडियो की नहीं जरूरत

Army, Rely , No, Need, video

हमें हमारी सेना पर पूरा भरोसा है। सन् 1971 की जंग कौन भूल सकता है जब लै. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था। कारगिल की जंग में पाक को बहादुर भारतीय सेना ने पीछे धकेल दिया। मँुह तोड़ जवाब देने की ताकत के बावजूद हम शांति के पुजारी हैं। सन् 2016 में सेना ने पाक के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल होकर सर्जिकल स्ट्राईक किया। राजनैतिक शोर-शराबा हुआ विरोधियों ने सरकार से इसके सबूत मांगे। सबूत देने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। क्योंकि उस समय सर्जिकल स्ट्राईक की अगुवाई करने वाले सेना के उच्च अधिकारियों ने भी सर्जिकल स्ट्राईक पर मोहर लगाई थी।

इस कार्रवाई में पाक सेना और आतंकवादियों का भारी नुकसान हुआ पर चुनौती वाली बात यह है कि सर्जिकल स्ट्राईक के बावजूद पाक से आतंकवादियों का आना जारी रहा तथा पठानकोट एअरबेस के अलावा जम्मू-कश्मीर के कई सेनिक कैंप्स पर हमले हुए। हैरानी की बात है कि कार्रवाई सेना करती है पर हंगामा राजनीति में मचता है। यह बहस व दूषणबाजी आतंकवाद की समस्या को हल करने की बजाय इसको उलझाना है।

भारतीय राजनीति में फौज सरकार के तहत आती है जो सरकार से कुछ छुपाने में ना समर्थ है तथा ना ही सेना में ऐसा कोई रुझान रहा है। सेना की शानदार परंपराएं और इतिहास है। पिछले दिनों एक ताजा वीडियो वायरल हुई जिसमें भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राईक की कार्रवाई को पेश किया गया है। इसकी कोई जरूरत नहीं थी, लोगों को सेना पर भरोसा है। वैसे भी यदि वीडियो थी तो इस बहादुरी भरे कारनामे को इतनी देर तक जाहिर ना करने की कोई तुक नहीं थी। यदि सुरक्षा के नजरिये पर इसको गुप्त रखना था तो जाहिर करने की जरूरत नहीं थी। ऐसे कदम खामखाह सेना पर राजनीतिकरण के दोषों का माहौल बना देते हैं।

विपक्ष सरकार पर सेना कार्रवाई द्वारा राजनैतिक लाभ लेने का दोष लगा रही है। यह वर्ष चुनावीय वर्ष है अगले वर्ष लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे समय में सेना संबंधी कोई वीडियो ना सिर्फ अन्य विवादों को जन्म देती हैं बल्कि सेना के प्रतिष्ठा को भी चोट मारती है। कारगिल युद्ध के समय सेना का प्रवक्ता हर दिन सेना की कार्रवाई का विवरण देता था तो आज का जमाना और भी आधुनिक है किसी भी कार्रवाई की जानकारी लंबे समय के बाद देना हमारे प्रबंधों तथा टेक्नोलोजी के प्रयोग पर सवाल खड़े करती है। बहादुर सेना के प्रतिष्ठा को बरकरार रखने की विशेष आवश्यकता है।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।