‘कहां गए चुनावों से पहले किए वायदे?’

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सड़कों पर उतरे आंगनवाड़ी वर्कर, सरकार को कोसा

  • अथी फूंक तीव्र संघर्ष करने की दी चेतावनी

फतेहगढ़ साहब। आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन पंजाब सीटू की ओर से सोमवार को यहां जिला कंप्लेक्स के आगे प्रदेश प्रधान हरजीत कौर पंजोला के नेतृत्व में आॅल इंडिया फैडरेशन आॅफ आंगनवाड़ी वर्कर्स-हेल्पर्स के आह्वान पर मांगों को लेकर काले दुपट्टे लेकर रोष प्रदर्शन किया गया। इस मौके वक्ताओं ने बताया कि आईसीडीएस स्कीम 2 अक्तूबर 1975 को शुरू की गई थी

ताकि 0 से 6साल तक के बच्चों में कुपोषण को खत्म करते हुए उनका शारीरिक और बौद्धिक विकास हो सके। यह स्कीम देशभर में 14 लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से देश के 10 करोड़ से अधिक बच्चों और 2 करोड़ गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं की स्वास्थ्य संभाल और खुराक मुहैया करवाती है

परंतु केंद्र सरकार की ओर से इसको खत्म करके प्राईवेट अधिकारियों को देने के मंसूबे बनाऐ जा रहे हैं और 3 सालों में लगातार बजट में कटौती की जा रही है। उन्होंने हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा की अलोचना करते हुए कहा कि उनकी ओर से चुनावों से पहले आंगनवाड़ी कर्मचारियों के मसले हल करवाने के कथित वायदे किये जाते थे जबकि अब कांग्रेस की सरकार आने के बावजूद कोई हमदर्दी नहीं की जा रही।

वक्ताओं की मांग :

आंनवाड़ी वर्करों से कोई भी अतिरिक्त काम न लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में प्री- प्राथमिक शुरू करने के फैसले ने प्रदेश की 53 हजार आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों के रोजगार को खत्म करने का रास्ता पकड़ लिया। उन्होंने इस फैसले को लागू न करने की अपील की वक्ताओं ने पेशन जांच के दिए अतिरिक्त काम का बॉयकाट करने का भी ऐलान किया।

धरने में अलग अलग ब्लॉक प्रधानों के अलावा गुरमीत कौर, गुरबचन कौर, गुरमीत कौर रुड़की, कुलवंत कौर, परमेश्वरी, परमजीत कौर, बलविन्दर कौर पंजोली, हरजीत कौर चौरवाला, चरनजीत कौर बसी, नीलम रानी, सुरिन्दर कौर, सुरजीत कौर, धर्मिन्दर कौर, कमलजीत कौर खमाणों, भूपिन्दर सिंह और गुरमेल सिंह आदि ने संबोधित किया।

सीएम ने बातचीत के लिए भी नहीं दिया समय

वक्ताओं ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भी चुनावों से पहले वायदा किया था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो आंगनवाड़ी कामगारों की मांगों को पहल के आधार पर हल किया जाएगा और हरियाणा की तर्ज पर मानदेय दिया जाएगा परंतु 4 माह के करीब समय बीत जाने के बावजूद अभी तक यूनियन को बातचीत के लिए समय तक भी नहीं दिया।

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