Alien Like Child Born: एलियन के रूप में आया और ढाई घंटे में चला गया वापिस

Alien Like Child Born
Alien Like Child Born: एलियन के रूप में आया और ढाई घंटे में चला गया वापिस

गोपालगंज। Alien Like Child Born: जब भी इंसान के अस्तित्व की बात आती है तो यही आम धारणा होती है कि भगवान ने सभी इंसानों को एक जैसा ही बनाया है। लेकिन कभी-कभार प्रकृति ऐसे खेल खेलती है कि कुछ ऐसी अनोखी घटनाएँ घट जाती हैं जो अविश्वसनीय होती हैं और जिन पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही वाकया इन दिनों बिहार के गोपालगंज से प्रकाश में आया है, जहां एक ऐसे बच्चे का उत्पत्ति हुई है जिसे देखने के बाद लोगों ने अपने दांतों तले उंगली दबा ली और उसे ‘बेबी एलियन’ पुकारने लगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोपालगंज के मीरगंज के साहिबा चक्र गांव के चुनचुन यादव की पत्नी ने इस विचित्र बच्चे को जन्म दिया है। यादव की गर्भवती पत्नी को बुधवार को हथुआ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद गुरुवार की सुबह महिला की डिलीवरी कराई गई, लेकिन जब डॉक्टरों ने नवजात बच्चे को देखा तो सब हक्के-बक्केक्रह गए, उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। एक पल के लिए तो उस बच्ची को देखकर वो डर भी गए। Alien Like Child Born

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Alien Like Child Born: एलियन के रूप में आया और ढाई घंटे में चला गया वापिस

महिला ने ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिसकी आंखों में गहरी लालिमा, उसका विशाल और बड़ा दिखने वाला चेहरा और उसके बड़े-बड़े होंठ और खुला हुआ मुंह इस नवजात बच्ची की बनावट को दूसरे बच्चों से अलग दर्शा रहा था। बच्चे के पैदा होते ही ये खबर आग तरह फैल गई। परिणामस्वरूप उस बच्चे को देखने के लिए अस्तपताल में भीड़ इकट्ठा हो गई, लेकिन इस विचित्र बच्चे का जीवन मात्र ढाई घंटे का रहा। ढाई घंटे बाद उस नन्हीं जान ने दुनिया को छोड़ दिया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोपालगंज में पैदा हुए इस नवजात बच्चे का चेहरा किसी दूसरे ग्रह से आए प्राणी जैसा लग रहा था। बताया जा रहा है कि यह मां की दूसरी डिलीवरी थी। इससे दो साल पहले उसने एक सामान्य बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन इत्तेफाक से मात्र 7 दिन बाद उस बच्चे की भी मौत हो गई थी। फिलहाल बच्चे को जन्म देने वाली मां स्वस्थ हालत में है और अस्पताल में उसका इलाज जारी है। Alien Like Child Born

डॉक्टरों के अनुसार 10 लाख बच्चों में से एक ऐसा बच्चा होता है। मीडिया से बात करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि ऐसा तभी होता है जब बच्चे के माता-पिता के जीन में बदलाव हुए हों। इस बीमारी को जेनेटिक म्यूटेशन कहा जाता है। इस बीमारी के कारण बच्चे ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाते। इसकी वजह से बच्चों के अंग ठीक तरीके से विकसित नहीं होते। इनकी त्वचा पर एक सफेद रंग की परत होती है, जिस कारण वह हवा ग्रहण नहीं पाते, जिसकी वजह से ऐसे बच्चों की मौत जल्दी हो जाती है।

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