जवानी में चलाई थी गोली, बुढ़ापे में पकड़ा गया

गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा

फतेहाबाद(विजय बजाज)। 36 साल पहले गोली चलाकर जानलेवा हमला करने वाला भगौड़ा आखिरकार पुलिस गिरफ्त में आ ही गया। सीआईए प्रभारी हरबंस सिंह ने बताया कि पंजाब के मोगा के गांव अमीवाला का रहने वाला दरबारा सिंह का जिले के गांव दिवाना में एक महिला से मिलना-जुलना था जोकि उक्त महिला दरबारा के साथ उसके गांव अमीवाला चली गई। करीब 7 वर्ष वहां रहने के बाद वह महिला दरबारा को छोड़कर वापस गांव दिवाना आ गई। दरबारा सिंह ने इस बात को सहन न करते हुए गांव दीवाना में आकर उससे लड़ाई-झगड़ा किया और अपनी लाइसैंसी हथियार से हवाई फायर कर दिया।

इस मामले में जाखल पुलिस ने 24 जनवरी 1981 को दरबारा के खिलाफ भादस की धारा 336, 506 व शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया जहां जमानत के बाद दरबारा दोबारा कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इस पर अदालत ने 12 दिसम्बर 1987 को उसे उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया। दरबारा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पटना, देहरादून, पोंटा साहिब, अमृतसर आदि गुरूद्वारों में अपने आप को छिपाता रहा। सीआईए प्रभारी हरबंस लाल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव अमीवाला में दबिश देकर दरबारा को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

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