1993 मुंबई धमाका मामला : अबू सलेम और मुस्तफा डोसा समेत छह दोषी करार

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19 जून को सजा पर बहस के लिए तय होगी तारिख

मुंबई। मुंबई में 12 मार्च, 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया। स्पेशल जज गोविंद ए सनप की अदालत ने अबू सलेम, मुस्तफा डोसा, करीमुल्ला शेख, रियाज सिद्दीकी, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को इस मामले में दोषी करार दिया, वहीं अब्दुल कयूम को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने उसे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है और पर्सनल बॉन्ड पर छोड़ने के आदेश दिए हैं।

कोर्ट अब दोषियों की सजा पर फैसला करेगी। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 जून रखी है। इस दिन सजा पर बहस के लिए तारीख तय की जाएगी। अदालत ने स्वीकारा कि डोसा, सलेम, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान इन धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता थे। हालांकि, सभी आरोपियों को देश के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप से मुक्त कर दिया गया।

अबू सलेम को भी टाडा की कुछ धाराओं में बरी किया गया है। रियाज सिद्दीकी को टाडा और अन्य धाराओं में दोषी करार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 12 मार्च 1993 को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, नरसी नार्थ स्ट्रीट, शिव सेना भवन, एयर इंडिया इमारत, सेंचुरी बाजार, माहिम, झवेरी बाजार, सी रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जुहू सेंटूर होटल, सहार हवाई अड्डा,एयरपोर्ट सेंटूर होटल के पास विस्फोट हुए थे।

साजिश रचने में शामिल था अबू सलेम

अबू सलेम पर आरोप है कि उसने बम कांड को अंजाम देने के लिए हथियारों का जखीरा रिसीव करके ठिकानों तक पहुंचाया। डोसा पर मर्डर केस, एक्सप्लोसिव ऐक्ट, आपराधिक साजिश, आतंकी गतिविधि के मामले साबित हुए हैं। डोसा को दाऊद का नजदीकी माना जाता है। उसका भाई मोहम्मद डोसा फिलहाल फरार चल रहा है। फिरोज खान को साजिश, मर्डर की धाराओं में दोषी करार दिया गया है।

123 आरोपियों का ट्रायल, सजा 100 को

धमाकों के मामलों में अदालत ने आरोपियों के दूसरे बैच पर यह फैसला दिया। इससे पहले, टाडा कोर्ट ने धमाकों के केस में शुरुआती 123 आरोपियों का ट्रायल 2006 में खत्म हुआ था, जिसमें 100 को सजा सुनाई गई थी। सजा पाने वालों में अभिनेता संजय दत्त भी शामिल थे। अबू सलेम ने माना था कि उसने संजय दत्त को हथियार दिए थे। कोर्ट ने संजय को 5 साल की सजा सुनाई थी। वहीं धमाके का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम 1995 से फरार है।

फरार हैं 33 आरोपी

इस मामले की 2011 में सुनवाई शुरू हुई थी। धमाकों के मामले में यह फैसला आखिरी है, क्योंकि अब कोई भी आरोपी कस्टडी में नहीं है। 33 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, मुस्तफा डोसा का भाई मोहम्मद डोसा और टाइगर मेमन शामिल हैं। सलेम को नवंबर 2005 में पुतर्गाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। उसके इकबालिया बयान के आधार पर ही सिद्दीकी और शेख की गिरफ्तारी हुई थी।

क्या था मामला

12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी. इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। सीबीआई के मुताबिक, मुंबई धमाके 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए किए गए थे।

 विशेष टाडा अदालत ने सुनाया फैसला

  • 12 साल बाद अदालत ने सुनाया अहम फैसला
  • 24 साल पहले मुंबई में हुए थे सिलसिलेवार 12 बम धमाके
  • 257 लोगों की हुई थी मौत
  • 33 आरोपी अभी चल रहे हैं फरार

दोषी: अबू सलेम, मुस्तफा डोसा, करीमुल्ला शेख, रियाज सिद्दीकी, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान
बरी: अब्दुल कयूम

 

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